दलित प्रयोगशाला आगरा में राणा सांगा पर ठाकुर भरेंगे हुंकार, रामजीलाल सुमन पर शांत नहीं हो रहा क्षत्रियों का गुस्सा

राणा सांगा पर सपा सांसद रामजीलाल सुमन की टिप्पणी के आगरा दलित बनाम ठाकुर की राजनीति का नया सेंटर बनता जा रहा है. क्षत्रिय संगठनों ने राणा सांगा की जयंती यानी 12 अप्रैल को आगरा में रामजीलाल सुमन के खिलाफ सम्मेलन का ऐलान किया है, जिसमें देश भर के ठाकुर समुदाय के लोग एकजुट होंगे. वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी साफ कह चुके हैं रामजीलाल सुमन के साथ कुछ होता है तो उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार होंगे.

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सपा सांसद रामजीलाल सुमन भले ही हाथरस के रहने वाले हैं, लेकिन शुरू से ही आगरा में रह रहे हैं. आगरा दलित राजनीति की सियासी प्रयोगशाला रही है. डॉ. आंबेडकर से लेकर कांशीराम तक ने आगरा को अपनी सियासत का केंद्र बनाया था. दलित वोटर आगरा में अहम माने जाते हैं और जिले की सियासत को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं. राणा सांगा पर दिए बयान के बाद रामजीलाल सुमन के खिलाफ सियासी हुंकार भरने के लिए ठाकुरों ने आगरा की रणभूमि को चुना है.

ठाकुरों का गुस्सा नहीं हो रहा शांत

राणा सांगा पर छिड़े संग्राम पर गरमाई सियासत शांत होने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को क्षत्रिय संगठनों ने रामजीलाल सुमन के खिलाफ लखनऊ में उग्र प्रदर्शन किया. हजारों की संख्या में क्षत्रिय समाज के लोग धरना दिया और पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई. इस प्रदर्शन में प्रदेश के 36 क्षत्रिय संगठन सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे और उन्होंने सपा सांसद के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा में नारेबाजी की. इतना ही नहीं रामजीलाल ने जब से संसद में बयान दिया है, उसके बाद से ही लगातार क्षत्रीय संगठन और उनके नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है.

26 मार्च को करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता रामजीलाल सुमन के आवास आगरा के हरी पर्वत एचआईजी कॉलोनी में पहुंचकर तोड़फोड़ की थी. इतना क्षत्रिय समाज के लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. बुधवार दोपहर अखिल भारत हिंदू महासभा की महिला नेता मीरा राठौर ने चूड़ियां लेकर उनके घर जा रही थी. उन्हें पुलिस ने सांसद सुमन के घर पहुंचने से पहले ही पकड़ लिया. ठाकुर समाज से आने वाली मीरा राठौर ने रामजीलाल सुमन की जीभ काटकर लाने वाले को एक लाख का इनाम देने की घोषणा कर रखी है.

आगरा में 12 अप्रैल को जुटेंगे क्षत्रिय

राणा सांगा की 12 अप्रैल को जयंती है. क्षत्रिय संगठनों ने दलित राजनीति की सियासी भूमि माने जाने वाले आगरा में 12 अप्रैल को राणा सांगा की जयंती मनाने का फैसला किया, जिसके लिए कुबेरपुर के रामी गढ़ी देशभर के क्षत्रिय समाज के लोग एकजुट होंगे. राणा जयंती पर क्षत्रिय संगठनों को मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन सनातन संगठन के नाम पर कार्यक्रम की रूपरेखा बनी है. क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने राणा सांगा की जयंती को रक्त स्वाभिमान सम्मेलन के रूप में मनाया जाएगा.

माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम में देशभर के ठाकुर समुदाय के लोगों के साथ हिंदू महासभा के लोग भी आगरा में एकजुट होकर रामजीला सुमन के खिलाफ हुंकार भरेंगे. माना जा रहा है कि इस बहाने ठाकुर समुदाय को लोग राजनीतिक ताकत दिखाना चाहते हैं. इस तरह से सूबे की सियासत गरमा गई है और 2027 की सियासी एजेंडा सेट किए जाने लगा है. क्षत्रिय महासभा के महासचिव राघवेंद्र सिंह राजू कहते हैं कि रामजीलाल सुमन पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, जब तक एक्शन नहीं लिया जाता है, तब तक ठाकुर समुदाय के लोग शांत नहीं बैठेंगे. रामजीलाल सुमन ने हमारे स्वाभिमान को ठेंस पहुंचाई है.

अखिलेश यादव ने भी दिखाए सख्त तेवर

क्षत्रिय संगठनों के सड़क पर उतरने के चलते ठाकुर बनाम दलित की राजनीति बनती जा रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कह दिया है कि हिटलरी जत्थे अगर किसी घटना को अंदाम देते हैं और रामजीलाल सुमन पर कुछ होता है, तो उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ज़िम्मेदार होंगे. इस तरह पीडीए के तहत दलितों को साधने में लगे अखिलेश यादव को क्या इस बहाने बीजेपी से आर-पार करने का मुद्दा मिल गया है. रामजीलाल के मामले को लेकर सपा दलित स्वाभिमान से जोड़कर दलित बनाम ठाकुर का सियासी रंग देने में जुटी है, जिसके चलते ही बीजेपी फ्रंटफुट के बजाय बैकडोर से ही सियासी दांव चल रही है.

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