कंगना रनौत पर बकाया बिजली बिल का आरोप, बोर्ड ने दी सफाई..

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड (HPSEB) ने बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत को लेकर उनके मनाली स्थित आवास के बिजली बिल पर चल रही चर्चाओं को लेकर सफाई दी है. बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने कहा कि कंगना रनौत समय पर बिजली बिल नहीं चुकाने वाली 2 बार की डिफॉल्टर रही हैं और सरकार की बिजली सब्सिडी का लाभ भी नियमित रूप से लेती हैं.

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हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ने कहा कि मनाली बिजली उपमंडल के तहत आने वाले सिमसा गांव में कंगना रनौत के आवास के लिए कस्टमर नंबर 10000083** से एक डॉमेस्टिक बिजली कनेक्शन रजिस्टर्ड है. सिमसा स्थित इस आवास के लिए 90,384 रुपये का बिजली बिल दो महीने की बिजली खपत से संबंधित है, जो जनवरी और फरवरी का है, इस बिल का भुगतान 28 मार्च को विलंब शुल्क के साथ किया गया था. 22 मार्च को कंगना रनौत को जो बिजली बिल जारी किया गया, उसमें 32,287 रुपये का पिछला बकाया भी शामिल है, लिहाजा पुराने बिलों को नहीं चुकाया गया था, इसलिए मार्च में जारी बिल पेंडिंग पेमेंट समेत कुल 90,384 रुपये है.

सामान्य घर से 1500 फीसदी ज्यादा है कनेक्टेड लोड

हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने आजतक को बताया कि कंगना रनौत के घर पर कनेक्टेड लोड 94.82 किलोवाट है, जो एक सामान्य घर से 1500% अधिक है, अक्टूबर से दिसंबर तक बिजली बिल का भुगतान समय पर नहीं किया गया. इसी तरह जनवरी और फरवरी के बिल का भुगतान भी देरी से किया गया.

जनवरी-फरवरी के बिल का भुगतान 28 मार्च को किया

दिसंबर में बिजली की खपत 6,000 यूनिट थी, और 31,367 रुपये की बकाया राशि थी. फरवरी में बिजली खपत 9,000 यूनिट थी. बिल का समय पर भुगतान न करने की वजह से विलंब भुगतान अधिभार सहित 58,096 रुपये था. अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2024 का बिजली बिल 82,061 रुपये था, जिसका भुगतान कंगना रनौत ने 16 जनवरी 2025 को किया. कंगना रनौत लगातार अपने मासिक बिजली बिलों का भुगतान देरी से कर रही हैं. जनवरी और फरवरी के बिलों का भुगतान 28 मार्च 2025 को किया गया, जिसमें कुल मिलाकर 14,000 यूनिट की खपत हुई और जुर्माना लगाया गया.

बिजली बिल पर सरकारी सब्सिडी का लाभ भी उठा रहीं कंगना 

संदीप कुमार ने कहा कि कंगना की मासिक बिजली खपत औसतन 5,000 से 9,000 यूनिट के बीच है, जो काफी अधिक है, यहां तक कि कंगना रनौत नियमित रूप से बिजली बिलों पर सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाती रही हैं. उन्हें राज्य सरकार की बिजली सब्सिडी योजना के तहत फरवरी के बिल में 700 रुपये की सब्सिडी मिली थी, जिसे कई लोगों ने स्वैच्छिक आधार पर छोड़ दिया है.

कंगना ने किया था 1 लाख के बिजली बिल का दावा

कुछ दिन पहले मंडी में एक सार्वजनिक सभा में कंगना ने दावा किया था कि जहां मैं रहती भी नहीं हूं, उस घर के लिए 1 लाख रुपए का बिल भेज दिया गया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला था. कंगना ने कहा कहा था कि यहां समोसे पर जांच होती है, बसों के किराए बढ़ा दिए जाते हैं और अब तो बिल भी एक लाख आ गया है. ये लोग भेड़िए हैं, प्रदेश को इनके पंजों से बचाना होगा. इसके बाद अब बिजली बोर्ड ने तथ्यों के साथ स्पष्टीकरण जारी किया है कि बिल दो महीनों की खपत का था और कंगना ने समय पर भुगतान नहीं किया था

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