नरसिंहपुर : नेशनल हाईवे पर स्थित दादा महाराज दूल्हा देव के दर्शन कर वापस जबलपुर चौकीदार लौट रही एक स्कॉर्पियो कार सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई. चरगवां थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया. यह हादसा सोमती नहर के पुल पर उस समय हुआ जब एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो पुल से नीचे गिर गई.
हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हुए हैं. स्कॉर्पियो गोटेगांव की ओर से जबलपुर की तरफ आ रही थी, जब यह असंतुलित होकर पुल से लगभग 100 फीट नीचे गिर गई। घटना की जानकारी मिलते ही चरगवां थाना पुलिस मौके पर पहुंची.
स्थानीय ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद स्कॉर्पियो में फंसे घायलों और मृतकों को बाहर निकाला. हादसे के समय गाड़ी में कुल छह लोग सवार थे. मृतकों की पहचान भेड़ाघाट चौकिताल निवासी किशन पटेल, सागर पटेल, राजेन्द्र पटेल, महेंद्र पटेल थे वहीं घायलों की पहचान 34 वर्षीय मनोज पटेल और 35 वर्षीय जितेंद्र पटेल के रूप में हुई है.
दोनों को गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज जारी है फिलहाल दोनों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है. हादसा इतना भयावह था कि गाड़ी के दरवाजे काटकर शवों और घायलों को बाहर निकालना पड़ा. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना के समय स्कॉर्पियो तेज रफ्तार में थी और गाड़ी में सवार सभी लोग नशे की हालत में थे.
वाहन के अंदर से शराब की बोतल, एक मुर्गा और एक बकरा भी मिला. आश्चर्य की बात यह रही कि इतना भीषण हादसा होने के बावजूद वाहन में मौजूद बकरा पूरी तरह सुरक्षित रहा और उसे कोई चोट नहीं आई. स्थानीय ग्रामीणों बल्ली जैन ने बताया कि वह घर पर मौजूद दुकान पर बैठे थे तभी जोरदार आवाज आई दौड़कर देखा तो पुल से नीचे स्कोर्पियो पड़ी हुई। घटना की जानकारी पुलिस को देते हुए अन्य लोगों को ले जाकर लोगों को बाहर निकाला वही बालमुकुंद मिश्रा ने बताया कि पुल पर पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से आज तक कोई ठोस सुरक्षा उपाय नहीं किए गए हैं.
उन्होंने मांग की कि इस पुल पर स्पीड ब्रेकर या सुरक्षा रेलिंग लगाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. चार लोगों की मौके पर ही मौत और दो की गंभीर स्थिति ने इलाके में शोक की लहर फैला दी है। मौके पर पहुंचे एसआई अभिषेक प्यासी ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है.
वाहन में मौजूद जानवरों और शराब से यह स्पष्ट है कि सवार लोग किसी आयोजन या भोज के लिए जा रहे थे, हालांकि इसका अभी पुष्टि होना बाकी है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि मृतक और घायल लोग बकरे को कहां और क्यों ले जा रहे थे.
इस दुर्घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में सड़क सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. जहां एक ओर प्रशासन को दुर्घटना संभावित स्थलों पर सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है, वहीं दूसरी ओर नागरिकों को भी जिम्मेदारी से वाहन चलाने और नशे में ड्राइविंग से बचने की सीख मिलती है.