सुकमा: तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में ACB-EOW की रेड, DFO ऑफिस और फॉरेस्ट कर्मियों के घर छापेमारी…

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में ACB और EOW की टीम ने सुकमा में डीएफओ कार्यालय में छापा मारा है। फॉरेस्ट कर्मियों और तेंदूपत्ता प्रबंधकों के घर भी रेड कार्रवाई चल रही है, दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। सुकमा, दोरनापाल, कोंटा समेत कुल 5 जगहों के 9 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई चल रही है। एक दिन पहले पूर्व MLA मनीष कुंजाम समेत अन्य तेंदूपत्ता प्रबंधकों के कुल 12 ठिकानों पर कार्रवाई की गई थी।

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वहीं मनीष कुंजाम ने सुकमा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, मैंने तेंदूपत्ता की बोनस राशि वितरण में गड़बड़ी की शिकायत की, लेकिन मेरे घर पर ही छापा मारा गया। छापे में कुछ भी नहीं मिला। मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। जबकि असली गुनहगार को बचाने का प्रयास किया जा रहा। छापे की असली वजह दबाव और द्वेष भावना है। जिला पंचायत और जनपद पंचायत में बीजेपी ने दबाव बनाया। लेकिन हमने उनकी बात नहीं मानी।

बताया जा रहा है कि तेंदूपत्ता बोनस राशि में हुए भ्रष्टाचार मामले में ACB और EOW की टीम लगातार दूसरे दिन भी कार्रवाई जारी रखी है। वहीं इसी मामले में DFO अशोक पटेल सस्पेंड हुए हैं।

कल टीम ने सुकमा में 12 जगह छापा मारा था

एक दिन पहले ही सुकमा जिले में ACB और EOW की टीम ने 12 जगह छापा मारा था। ये कार्रवाई तेंदूपत्ता बोनस फर्जीवाड़े से जुड़ी है। छापेमारी में पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, डीएफओ ऑफिस के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक, और लघुवनोपज समिति के कुछ प्रबंधकों के ठिकाने शामिल हैं।

इस कार्रवाई में डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नकद जब्त किए गए। जानकारी के मुताबिक, इसी मामले में डीएफओ अशोक पटेल निलंबित किए गए थे।

क्या है पूरा मामला?

सुकमा के वन विभाग अधिकारी अशोक कुमार पटेल और उनके साथियों पर तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों के बोनस में बड़ा घोटाला करने का आरोप है। यह घोटाला वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता सीजन से जुड़ा है, जिसमें करीब 7 करोड़ रुपये की राशि संग्राहकों को दी जानी थी। अधिकारियों ने आपसी साठगांठ कर बड़ी रकम खुद रख ली और संग्राहकों तक पैसा नहीं पहुंचा।

इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (EOW/ACB) ने अशोक कुमार पटेल और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया। 8 अप्रैल 2025 को एफआईआर दर्ज होने के बाद 10 अप्रैल को छापेमार कार्रवाई की गई है।

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