बिहार की राजधानी पटना में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक छात्र जिस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने की पढ़ाई कर रहा था उसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे इलाज के लिए जगह नहीं मिली और अंत में उसकी मौत हो गई.
दरअसल अभिनव पांडे नाम का छात्र पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में एमबीबीएस सेकेंड ईयर का छात्र था. 7 अप्रैल को अभिनव पांडे पटना के हड़ताली मोड़ के पास सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था.
घायल अवस्था में सबसे पहले उसे IGIMS लाया गया, लेकिन छात्रों का आरोप है कि अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे भर्ती नहीं किया गया. इसके बाद अभिनव को पटना के निजी अस्पताल पारस में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई.
छात्रों ने निदेशक के घर का किया घेराव
अभिनव की मौत की खबर फैलते ही IGIMS के छात्रों में आक्रोश फैल गया. छात्रों ने आरोप लगाया कि एक मेडिकल छात्र होते हुए भी अभिनव को उनके अपने संस्थान में इलाज की सुविधा नहीं मिल सकी, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. छात्रों का कहना है कि यदि समय पर उपचार मिलता तो अभिनव की जान बच सकती थी.
इसके अलावा, छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने IGIMS निदेशक से अभिनव के शव को उसके घर तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की, तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इस असंवेदनशीलता से आहत होकर छात्रों ने निदेशक के आवास का घेराव किया और धरने पर बैठ गए.
घटनास्थल पर हालात को देखते हुए शास्त्रीनगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रों को समझाने का प्रयास किया. हालांकि, छात्र स्वास्थ्य मंत्री को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे और धरना जारी रखा है.