यूएई के शारजाह से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, शारजाह में एक शख्स थककर अपने ऑफिस से घर लौटा और उसने कुछ देर रिलेक्स के लिए सो गया. लेकिन, उस शख्स की इस पावर नैप ने उसे आईसीयू पहुंचा दिया. हुआ कुछ यूं कि वो शख्स कुछ देर के लिए लेटा, मगर जब उठा तो उसे सोए हुए 32 घंटे हो चुके थे. इसका मतलब ये है कि वो करीब 32 घंटे तक लगातार सोता ही रहा. ज्यादा नींद से उस शख्स की तबीयत बिगड़ गई और उसके आईसीयू में इलाज करवाना पड़ा.
जब अस्तपाल में जांच हुई तो हैरान कर देने वाले फैक्ट सामने आए. जो शख्स सोता ही रह गया, उसे दिमाग में कुछ इंफेक्शन था और उसकी वजह से वो सोता ही रह गया. उस शख्स ने खुद बताया है कि आखिर उसके साथ क्या क्या हुआ.
झपकी बन गई 32 घंटे नींद
खलीज टाइम्स के अनुसार, उस शख्स का कहना है, ‘मैं थका हुआ था. मैंने खुद से कहा कि मैं बस थोड़ी देर की झपकी लूंगा.’ लेकिन, जो काम के बाद की सामान्य झपकी लग रही थी, वह 32 घंटे से ज़्यादा की लंबी नींद बन गई. यह एक लंबी बेहोशी की स्थिति थी जिसे डॉक्टरों ने बाद में जानलेवा बताया.
उन्होंने बताया, ‘जब मैं घर वापस आया तो रात के करीब 8:30 बजे थे. अगली बात जो मुझे याद है, मैं थका हुआ और भ्रमित होकर उठा. मुझे लगा कि सुबह हो गई है और घड़ी पर समय सुबह 4.30 बजे था, मुझे लगा कि मैं लगभग 7 घंटे सो गया हूं. इसके बाद जब अपना फोन देखा तो वो चालू नहीं हो रहा था. बैटरी खत्म हो चुकी थी. मैंने उसे प्लग इन किया और वापस लेट गया, लेकिन मेरे आस-पास सब कुछ ठीक नहीं लग रहा था.’
उन्होंने बताया, ‘दीवारें ऐसी लग रही थीं, जैसे वे बंद हो रही हों, फोन बहुत बड़ा लग रहा था और एक पल के लिए, मुझे लगा कि मैं किसी और के घर में हूं.’
ICU में करवाया एडमिट
शख्स ने बताया, ‘वो सिर्फ थकान नहीं थी. जब मेरा फोन चालू हुआ, तो मैंने अपने ऑफिस, दोस्तों और चिंतित परिवार के सदस्यों से 50 से ज्यादा मिस्ड कॉल और मैसेज देखे. मैं घबरा गया और बहुत उलझन में था. मुझे लगा कि कुछ गंभीर गड़बड़ है. मैं मेरे घर के नजदीक अस्पताल में गया.’ इसके बाद डॉक्टर्स ने उसे आपातकालीन जांच के लिए आईसीयू में भर्ती कराया. जब सभी टेस्ट हुए तो पता चला कि वो शख्स एक दुर्लभ फंगल संक्रमण से पीड़ित था,उसके मस्तिष्क के उस हिस्से में इंफेक्शन था, जो नींद को कंट्रोल करता था.
मेडिकल टीम के अनुसार, अगर वह कुछ और घंटे सोता रहता, तो उसे कोमा या यहां तक कि मौत भी हो सकती थी. मेडकेयर हॉस्पिटल अल सफा के विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. खालिद अल सफ्फार ने कहा कि लोग अक्सर नींद संबंधी विकारों के शुरुआती लक्षणों को तब तक अनदेखा कर देते हैं, जब तक कि बहुत देर न हो जाए.