चंदौली: पुलिस-आबकारी विभाग की संयुक्त छापेमारी, 22 लोग हिरासत में, भारी मात्रा में शराब जब्त

चंदौली: अलीनगर थाना क्षेत्र के परशुरामपुर में पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त छापेमारी में शराब तस्करी से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है, शुक्रवार देर शाम कंपोजिट अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकान से सटे एक कमरे में छापेमारी कर करीब 5 लाख रुपये से ऊपर की अवैध शराब बरामद की गई, इस दौरान 22 लोगों को हिरासत में लिया गया.

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बिहार में तस्करी के लिए तैयार थी शराब
सूत्रों की मानें तो बरामद शराब को बिहार में तस्करी के लिए भेजा जाना था. छापेमारी में बरामद शराब की बोतलों पर लगे बारकोड को स्कैन कर इसकी असली जगह और स्रोत का पता लगाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल आबकारी विभाग और पुलिस इस मामले में आधिकारिक जानकारी साझा करने से बच रही है.

दुकानों के पास भंडारण और तस्करी का खुलासा
मामले की जांच में यह बात सामने आई है कि इलाके की कई अंग्रेजी शराब की दुकानों के पास या ऊपरी तल पर अवैध शराब का भंडारण किया जाता है। नई बस्ती स्थित एक बड़ी अंग्रेजी शराब की दुकान के ऊपर भी इस तरह के अवैध संचालन की जानकारी मिली है, इसके अलावा, स्टेशन के पास एक शराब की दुकान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग भारी बैग लेकर शराब की दुकान से बाहर निकलते हुए दिख रहे हैं.

रेलवे सुरक्षा तंत्र पर सवाल
तस्करों द्वारा शराब को ज्यादातर ट्रेन के रास्ते बिहार भेजा जाता है, स्थानीय सूत्रों का कहना है कि स्टेशन पर तैनात जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) और रेलवे का सुरक्षा तंत्र इन गतिविधियों पर नज़र रखने में नाकाम साबित हो रहा है, स्टेशन से अवैध शराब की तस्करी जीआरपी की निष्क्रियता और रेलवे के सुरक्षा तंत्र की चूक को उजागर करती है.

छापेमारी के बाद मची हलचल
पुलिस और आबकारी विभाग की इस संयुक्त कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। यह जांच न केवल अवैध शराब की बरामदगी तक सीमित रहेगी, बल्कि यह भी पता लगाया जाएगा कि तस्करी में कौन-कौन से लोग शामिल हैं और इन अवैध गतिविधियों में किन-किन दुकानों का हाथ है.

स्थानीय दुकानों और तंत्र की भूमिका पर संदेह
सूत्रों का दावा है कि नगर और आसपास की कई अंग्रेजी शराब की दुकानें बिहार में शराब तस्करी के लिए अवैध रूप से शराब की सप्लाई करती हैं। ऐसी ही एक दुकान के ऊपर भंडारण होने की जानकारी मिली है, जहां से शराब तस्कर ट्रेन के जरिये बिहार भेजते हैं.

पुलिस और प्रशासन पर बढ़ा दबाव
इस छापेमारी के बाद पुलिस और प्रशासन पर इस पूरे तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश करने का दबाव बढ़ गया है, स्थानीय लोगों ने मांग की है कि, तस्करी रोकने के लिए स्टेशन और शराब दुकानों पर सख्त निगरानी रखी जाए.

यह मामला न केवल अवैध शराब तस्करी का है, बल्कि इसमें रेलवे और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े करता है, अब देखना होगा कि पुलिस और आबकारी विभाग इस पूरे तस्करी नेटवर्क को तोड़ने में कितनी सफल होती है.

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