अलीगढ़ के नगला नथलू गांव (थाना चर्रा क्षेत्र) में तीन साल के मासूम अंशु की मौत ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया. जानकारी के मुताबिक, अंशु को करीब 45 दिन पहले एक पागल कुत्ते ने काट लिया था, लेकिन इलाज न मिलने के कारण वह शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में दम तोड़ बैठा. परिजनों ने बताया कि मौत से कुछ दिन पहले अंशु में अजीब तरह के लक्षण दिखने लगे थे, जैसे पानी से डर लगना (हाइड्रोफोबिया), जो कि रेबीज का प्रमुख संकेत होता है.
पागल कुत्ते ने 10 और बच्चों को काटा
अंशु की मौत के बाद जब स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची, तो एक और चौंकाने वाली बात सामने आई. उसी पागल कुत्ते ने गांव के 10 और बच्चों को भी काटा था, जिनकी उम्र 2 से 12 साल के बीच है. सबसे हैरानी की बात यह है कि इनमें से किसी भी बच्चे को अब तक कोई इलाज नहीं मिला था. सभी घायल थे. मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और गांव में एंटी-रेबीज वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू किया गया है.
हालांकि, डॉक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि अंशु की मौत का कारण रेबीज है या नहीं, यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता, क्योंकि न तो उस कुत्ते का टेस्ट हो पाया, जिसे बाद में मार दिया गया, और न ही बच्चे की मौत से पहले जांच की जा सकी. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग गांव में जाकर सभी बच्चों को टीके लगा रहा है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है.
पागल कुत्ता काटे तो क्या करें?
1. घाव को तुरंत धोएं (कम से कम 10-15 मिनट तक)
साबुन और साफ पानी से घाव को अच्छे से धोएं.
बहते पानी के नीचे घाव को धोने से वायरस की मात्रा कम होती है.
2. एंटीसेप्टिक लगाएं
घाव पर आयोडीन या अल्कोहल बेस्ड एंटीसेप्टिक लगाएं.
3. तुरंत डॉक्टर के पास जाएं
नजदीकी सरकारी या निजी अस्पताल में तुरंत संपर्क करें.
डॉक्टर आपको एंटी-रेबीज वैक्सीन और इम्युनोग्लोब्युलिन (HRIG) देने की सलाह देंगे.
4. वैक्सीन का कोर्स पूरा करें
एंटी-रेबीज टीके की पूरी डोज लेना बेहद जरूरी है. आमतौर पर 5 इंजेक्शन होते हैं (दिन 0, 3, 7, 14, और 28).
बीच में डोज छोड़ना खतरनाक हो सकता है.