जसवंतनगर : बीते 22 मार्च को सराय भूपत के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगला रामफल गांव के सामने हुए सनसनीखेज डंपर ड्राइवर मुन्नालाल हत्याकांड की गुत्थी को पुलिस ने लगभग सुलझा लिया है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
मृतक मुन्नालाल, जो कि मैनपुरी जिले के थाना कुर्रा क्षेत्र के सलेमपुर गांव के निवासी थे, की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई थी, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया था.
इस गंभीर मामले में पुलिस लगातार गहन जांच में जुटी हुई थी। मृतक की पत्नी नीतेश ने 7 अप्रैल को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को संबोधित एक शिकायती पत्र सौंपा था, जिसमें उन्होंने नामजद लोगों पर जमीनी विवाद के चलते अपने पति की हत्या करने का आरोप लगाया था.
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जसवंतनगर पुलिस ने अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ाया. थाना निरीक्षक रामसहाय सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस की जांच में शिकायत सही पाई गई। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दी गई थी.
इस मामले में पुलिस को पहली सफलता 10 अप्रैल को मिली थी, जब उपनिरीक्षक प्रशांत कुमार और मनीष कुमार की टीम ने सैफई रोड से घेराबंदी कर बंटू पुत्र मिलाप सिंह नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान बंटू ने न केवल हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की, बल्कि इस जघन्य अपराध के पीछे के motive का भी खुलासा किया.
निरीक्षक रामसहाय सिंह ने बताया कि बंटू के पिता मिलाप सिंह का गांव के ही रहने वाले सुरजन सिंह के साथ जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था. मृतक मुन्नालाल इस विवाद में खुलकर सुरजन सिंह का समर्थन कर रहा था, जो बंटू और उसके साथियों को नागवार गुजरा. इसी रंजिश के चलते बंटू ने अपने साथियों, भरथना थाना क्षेत्र के झिझुआ गांव के निवासी सुरेन्द्र यादव उर्फ कन्हैया पुत्र संजेश यादव और मैनपुरी जिले के कुर्रा थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव के रहने वाले विशम्भर दयाल के पुत्र सत्य पाल के साथ मिलकर मुन्नालाल की हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया.
पुलिस ने अपनी तेज कार्रवाई जारी रखते हुए अब इस हत्याकांड में शामिल दो और मुख्य आरोपियों, सुरेन्द्र यादव उर्फ कन्हैया और सत्य पाल को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस मामले में पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता तब मिली जब सुरेन्द्र यादव उर्फ कन्हैया की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त .32 बोर की पिस्टल, दो जिंदा कारतूस और एक खोका भी बरामद किया गया है.
यह बरामदगी इस हत्याकांड की जांच में एक महत्वपूर्ण सबूत साबित होगी. पुलिस अब इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है और यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. इस घटना ने एक बार फिर जमीनी विवादों की भयावहता को उजागर किया है, जो अक्सर गंभीर अपराधों का कारण बनते हैं.