राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने रायपुर सिविल लाइन के बंगला नंबर B-5/12 (जिसे पहले बस्तर बाड़ा कहा जाता था) की डिमांड मुख्यमंत्री से की थी। इसके लिए 24 अगस्त 2024 को बाकायदा CM हाउस से नोटशीट भी भेजी गई थी। लेकिन गृह विभाग ने बंगला देने की जगह उसे SSP ऑफिस के लिए अलॉट कर दिया।
इसके बाद जो हुआ, वो चौंकाने वाला था। सांसद साहब ने, बंगले में ताला जड़ा और 6 जगहों पर अपने नाम की नेमप्लेट भी लगा दी। ताकि किसी पुलिस वाले को शक न हो कि ये बंगला अब किसका है।ऊपर से बंगले का नाम भी बदल दिया – बस्तर बाड़ा से रायगढ़ बाड़ा कर दिया।
पिछली सरकार में मरकाम के पास था बस्तर बाड़ा
असल में ये बंगला पहले भूपेश सरकार में कांग्रेस अध्यक्ष रहे मोहन मरकाम को मिला था। तब इस बंगले का नाम बस्तर बाड़ा था लेकिन उन्होंने 2024 में ये बंगला खाली कर दिया। फिर 30 जनवरी 2025 को गृह विभाग ने इसे SSP ऑफिस के लिए अलॉट किया। PWD ने मरम्मत भी करवा दी, रंग-रोगन हो गया। लेकिन जैसे ही काम खत्म हुआ – सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह वहां पहुंच गए और बंगले पर ‘कब्जा’ कर लिया।
जब SSP लाल उम्मेद सिंह ने इस पर बात की, तो सांसद ने साफ कहा – “सीएम हाउस से मेरे लिए अनुशंसा हुई है, मैं खाली नहीं करूंगा।”PWD और जिला प्रशासन इस बंगले को SSP ऑफिस शिफ्ट करने के लिए पिछले दो साल से मशक्कत कर रहे हैं। इस दौरान छह बार चिट्ठी-पत्री हो चुकी, लेकिन सांसद न मानें हैं, न बंगला छोड़ने के मूड में हैं।
“बस्तर बाड़ा हमें आवंटित किया गया था, लेकिन सांसद प्रवेश कर गए। अब हमने कलेक्टोरेट कार्यालय में पास ही दूसरी जगह चिह्नांकित कर ली है। वहां जल्द ही शिफ्ट हो जाएंगे” -लाल उम्मेद सिंह, एसएसपी, रायपुर
CM हाउस से चली थी नोटशीट
राज्यसभा सांसद देवेन्द्र प्रताप सिंह ने इसी बी-5 बंगले के लिए मुख्यमंत्री से डिमांड की थी। जिसके बाद हाउस से उनके ओएसडी ने एक नोटशीट भी 27 अगस्त 2024 को चलाई थी। लेकिन गृह विभाग ने बंगले का आवंटन एसएसपी कार्यालय को कर दिया। और यही सांसद की नाराजगी की वजह बना।
कांग्रेस बोली – सरकार और प्रशासन के बीच तालमेल नहीं
इस मामले में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि सरकार और प्रशासन के बीच तालमेल नहीं है। नेताओं के बीच मतभेद की स्थिति दिख रही है। अपनी ही सरकार में इनको बंगले के लिए जूझना पड़ रहा है। किसी को बंगला नहीं मल रहा और किसी को खाली कराने कह रहे हैं। भगत ने कहा कि हमारी सरकार थी तो कहीं कोई दिक्कत नहीं थी।
डिप्टी CM साव बोले ये मसला गृह विभाग का
इस मामले को लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि हाउस अलॉटमेंट का काम गृह विभाग का होता है। लेकिन इस मामले में क्या परिस्थिति है, जिसे संज्ञान में लेने के बाद ही कुछ कहना ठीक होगा।