इंदौर। साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है। टास्क जॉब और शेयर निवेश के नाम पर लोगों को झांसा देकर लाखों रुपये लूटे जा रहे हैं। छोटे-छोटे मुनाफे का लालच देकर पहले भरोसा जीता जाता है, फिर भारी रकम ठग ली जाती है।
इस साल जनवरी से मार्च तक क्राइम ब्रांच को मिली शिकायतों में करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपये की ठगी का खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया पर फर्जी नौकरी के विज्ञापनों के जरिए लोग ठगों के जाल में फंस रहे हैं।
कैसे शुरू होती है ठगी
ठग सोशल मीडिया पर पार्ट-टाइम टास्क जॉब का लालच देते हैं। विज्ञापनों में होटल, मूवी या यूट्यूब चैनल को रेटिंग देने जैसे आसान काम का झांसा दिया जाता है। संपर्क करने पर पहले छोटी राशि जमा करवाई जाती है।
टास्क पूरा होने पर यह राशि मुनाफे सहित लौटाई जाती है, जिससे पीड़ित का भरोसा बढ़ता है। इसके बाद ठग शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच देते हैं। पीड़ित को एक ग्रुप में जोड़ा जाता है और उनके मोबाइल पर फर्जी ऐप डाउनलोड करवाया जाता है।
ऐप में दिखता है फर्जी मुनाफा
फर्जी ऐप में जमा राशि कई गुना मुनाफे के साथ दिखाई जाती है, जिससे लोग और पैसा निवेश करते हैं। जब पीड़ित पैसा निकालने की कोशिश करते हैं, तो उनसे टैक्स या अन्य शुल्क के नाम पर अतिरिक्त राशि मांगी जाती है। भुगतान न करने पर पैसा डूब जाता है।
पुलिस की चेतावनी
क्राइम ब्रांच ने लोगों से अपील की है कि अनजान सोशल मीडिया विज्ञापनों पर भरोसा न करें। कोई भी निवेश करने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांच लें। ठगी का शिकार होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें। साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।