मैहर: स्टेट हाइवे का नाम सुनते ही बेहतर सड़क, सुगम यातायात और विकास की कल्पना की जाती है, लेकिन मैहर से भदनपुर तक बनाई जा रही स्टेट हाइवे सड़क की ज़मीनी हकीकत इसके उलट है. यह सड़क अब ग्रामीणों के लिए खतरे का सबब बन चुकी है. जगह-जगह गड्ढों से भरी यह सड़क एक अस्थायी पगडंडी जैसी लगने लगी है, जहां 24 घंटे धूल उड़ती रहती है और सफर करना जोखिम भरा हो गया है.
हाल ही में भदनपुर के पास एक ट्राली गहरे गड्ढे में पलट गई, जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते बचा. ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बाइक सवार और छोटे वाहन चालक इसी सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं.
स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि MPRDC विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदारों से मिलकर शासकीय धन का दुरुपयोग कर रहे हैं. घटिया सामग्री का उपयोग, मानकों की अनदेखी, जल निकासी की उचित व्यवस्था न होना जैसी लापरवाहियाँ आम हैं.
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। न तो अब तक कोई निरीक्षण हुआ, न ही कार्यवाही. इससे यह साफ होता है कि या तो जिम्मेदारों की मिलीभगत है या फिर घोर उदासीनता.
अब सवाल उठता है कि क्या स्टेट हाइवे सिर्फ नाम का रह गया है? क्या जनता की सुरक्षा अब ठेकेदारों के हवाले कर दी गई है? आखिर कब जागेगा MPRDC विभाग और प्रशासन? अब समय आ गया है कि इस सड़क निर्माण कार्य की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आम लोगों की जान जोखिम में न पड़े.