श्रावस्ती: सुविधाओं से वंचित ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम’ भचकाही, विकास योजनाएं बदहाल

श्रावस्ती : नेपाल सीमा से सटे सिरसिया के भचकाही गांव में शत प्रतिशत थारू जनजाति के लोग निवास करते हैं. कभी आंबेडकर ग्राम रहे इस गांव को मौजूदा सरकार में प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम का दर्जा दिया गया है. गांव का दर्जा तो बड़ा है, लेकिन सुविधाएं बौनी हैं और विकास योजनाएं बदहाल हैं. गांव अब तक शत प्रतिशत संतृप्त नहीं हो सका है. पूर्व में मिलीं सुविधाएं भी संरक्षण के अभाव में बदहाल हो चुकी हैं. इनका लाभ गांव के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. 2600 की आबादी वाले इस गांव के 36 लोग सरकारी नौकरी करते हैं, जबकि 400 महिला व पुरुष मजदूरी पेशा हैं.

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विकास की किरण पड़े तो चमक उठे गांव

सिरसिया ताल बघौड़ा मुख्य मार्ग से सात किलोमीटर दूर सोहेलवा जंगल पार बसे इस गांव को जाने के लिए दो मार्ग मौजूद हैं. इनमें से एक मार्ग पक्का तो दूसरा जंगल के मध्य से होकर जाने वाला कच्चा मार्ग है. इन दोनों ही मार्गों पर गंजेड़ी नाला पड़ता है, जिस पर पुलिया की दरकार है. गांव को निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने के लिए आठ वर्ष पूर्व सोलर प्लांट लगाया गया था, जो विगत चार वर्ष से खराब है.

गांव में जलापूर्ति के लिए करीब 14 वर्ष पूर्व ओवरहेड टैंक का निर्माण कराया गया, लेकिन पाइप लाइन खराब होने के कारण करीब पांच वर्ष से जलापूर्ति ठप है. ग्राम सचिवालय काफी पुराना होने के कारण जर्जर हो रहा है. यहां कक्षा आठ तक का विद्यालय है. इससे आगे की शिक्षा के लिए छात्रों को 10 से 15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. गांव में एएनएम सेंटर तो है, लेकिन पीएचसी 12 और सीएचसी 20 किलोमीटर दूर है. गांव में बिजली तो है लेकिन स्ट्रीट लाइट नहीं हैं.

 

कई बार की शिकायत, लेकिन नहीं हुआ समाधान

ग्राम प्रधान मन कुमारी का कहना है कि खराब ओवरहेड टैंक व पावर प्लांट की मरम्मत के लिए कई बार शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. हरिराम ने बताया कि गंजेड़ी नाले पर पुलिया निर्माण के लिए कई बार मांग की गई, लेकिन निर्माण नहीं हुआ. भागीराम का कहना है कि गांव जंगल से सटा होने के कारण हिंसक जीवों का खतरा रहता है. कई मांग के बाद भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी. भागीरथ गांव में इंटर कॉलेज की मांग कर रहे हैं.कवि राम व मंगल प्रसाद का कहना है कि सिंचाई के लिए गांव के एक तरफ ट्यूबवेल है, जिसका पानी दूसरी तरफ नहीं जाता. यदि सिंचाई की सुविधा मिले तो सहूलियत हो. दाताराम व ओरीलाल ने जंगल मार्ग के उच्चीकरण की मांग की है.

इन्होंने रोशन किया गांव का नाम

गांव निवासी डॉ. नागेंद्र सरकारी चिकित्सक हैं, जो सोनभद्र में तैनात हैं. वहीं, राजेश कुमार रेलवे में इंजीनियर हैं. इनकी मध्य प्रदेश में तैनाती है. इसके साथ ही गांव के तीन लोग लेखपाल, एक रेलवे पुलिस, एक आबकारी, दो यूपी पुलिस, दो सींचपाल, एक पर्यवेक्षक, एक ग्राम सचिव, 10 परिषदीय शिक्षक, दो वन निगम में स्पेलर, चार स्वास्थ्य कर्मी व सात सफाई कर्मी के पद पर तैनात हैं.

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