अंबिकापुर में म्यूल अकाउंट धारक पर FIR दर्ज:ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बैंक खातों की जांच, लेन-देन की जानकारी जुटा रही पुलिस

साइबर फ्राड के मामलों में इस्तेमाल आने वाले बैंक खातों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। अंबिकापुर गांधीनगर पुलिस ने एक म्यूल अकाउंट के धारक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। प्रदेश स्तर पर साइबर सेल ऐसे अकाउंट की जानकारी जुटा रही है। जिनमें साइबर फ्राड का पैसा जमा हुआ है या इन खातों का इस्तेमाल साइबर फ्राड के मामलों में रकम जमा कराने में किया गया है।

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जानकारी के मुताबिक, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की तरफ से संचालित समन्वय पोर्टल (जेसीसीसी) की जांच में ऐसा ही एक खाता सरगुजा के स्टेट बैंक में पाया गया। जिसका उपयोग साइबर फ्राड के पैसे जमा करने में किया गया है। इसकी जानकारी पुलिस महानिरीक्षक, साइबर क्राइम रायपुर से सरगुजा एसपी को मिली थी। मामले में खाते से लेन-देन की जानकारी जुटाने के बाद FIR दर्ज की गई है।

खाता धारक के खिलाफ दर्ज हुआ केस

पुलिस ने आईडीबीआई बैंक अंबिकापुर शाखा के खाता धारक नवानगर, जिला सरगुजा निवासी विनोद प्रधान के खिलाफ धारा 317(4),318 (2),61(2)(A) का अपराध दर्ज किया है। उस खाता धारक के खाते में 6 बार में ठगी की रकम दो लाख 6962 रुपए का ट्रांजेक्शन होना पाया गया। इसकी शिकायत देश के अलग-अलग हिस्सों में की गई है। उस खाते का इस्तेमाल साइबर फ्राड के लिए किया जाना पाया गया है।

गांधीनगर पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उक्त खाते का उपयोग ठगी में कैसे किया गया।

क्या है म्यूल अकाउंट

म्यूल अकाउंट वे बैंक अकाउंट हैं, जिनमें साइबर फ्राड के मामलों में ठगी की रकम ट्रांसफर की जाती है। बाद में इन खातों से रकम आहरित कर ली जाती है। कई मामलों में स्वयं खाता धारक किराए पर अपना अकाउंट ठगों को दे देते हैं। कुछ मामलों में खाता धारकों की जानकारी के बिना ही अकाउंट खोले गए हैं।

सूरजपुर में भी दर्ज हुई है एफआईआर

सूरजपुर के रामानुजनगर थाने में भी म्यूल अकाउंट धारक के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। म्यूल अकाउंट खाता धारक ओम प्रकाश साहू के एक्सिस बैंक खाते में साइबर फ्राड की रकम तीन बार जमा हुई है। एक्सिस बैंक शाखा रामानुजनगर जिला सूरजपुर से उक्त अकाउंट का ट्रांजेक्शन डिटेल निकाला गया।

ओम प्रकाश साहू के द्वारा सुनियोजित तरीके से अवैध धन अर्जित करने के उद्देश्य से अपने बैंक अकाउंट को साइबर क्राइम (ठगी) के अपराध के लिए उपयोग करने अपराधी गिरोह को दिया जाना पाया गया है।

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