केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो रही है. वहीं लोगों ने इस साल दर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ रजिस्ट्रेशन कराए हैं. चारधाम यात्रा के सभी तीर्थस्थल हिमालयी क्षेत्र में है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है. इन स्थानों पर यात्रीगण अत्यधिक ठण्ड, कम आर्द्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉइलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए समय-समय पर तीर्थ यात्रियों के सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु दिशा निर्देश (Health Advisory) जारी किए जाते हैं.
उत्तराखंड टूरिज्म (उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड) की तरफ से चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन कराने वाले लोगों के लिए कुछ दिशा निर्देश भेजे गए हैं जिन्हें सभी को फॉलो करना चाहिए. यात्रा शुरू करने से पहले सभी को योजना बनाना, तैयारी करना, पैकिंग करना काफी जरूरी होता है. इसकी आप एक लिस्ट बना सकते हैं.
योजना बनाना
– अपनी यात्रा की योजना कम से कम 7 दिनों के लिए बनाएं, वातावरण के अनुरूप अपना कंफर्टेबल समय चुनें.
– ब्रेक ले लेकर ट्रेक करें. ट्रेक के हर एक घंटे बाद या ऑटोमोबाइल चढ़ाई के हर 2 घंटे बाद, 5-10 मिनट का ब्रेक लें.
तैयारी करना
– रोजाना 5-10 मिनट के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें.
– रोजाना 20-30 मिनट टहलें
– यदि यात्री की आयु 55 साल से अधिक है या वह हृदय रोग, अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज से ग्रस्त है तो यात्रा से पहले फिटनेस चैक करने के लिए स्वास्थ्य परीक्षण कराएं.
पैकिंग करना
– गर्म कपड़े ऊनी स्वेटर, थर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने, मोजे रखना न भूलें.
– बारिश से बचाव के रेनकोट, छाता भी रखें.
– स्वास्थ्य जांच उपकरण पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर.
– पहले से मोजूद स्थितियों (हृदय रोग, अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज) वाले यात्री सभी जरूरी दवा, टेस्टिंग इक्युपमेंट और डॉक्टर के नंबर साथ में रखें.
कृपया अपनी यात्रा से पहले मौसम रिपोर्ट की जांच करें और ध्यान दें कि ठंडे तापमान के लिए आपके पास पर्याप्त गर्म कपड़े हों. अगर आपके डॉक्टर यात्रा न करने की सलाह देते हैं, तो कृपया यात्रा न करें.