सुपौल के 24 सरकारी शिक्षकों को मिली जान से मारने की धमकी, बीआरसी पहुंच लगाई न्याय की गुहार

सुपौल : जिले के छातापुर प्रखंड क्षेत्र स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय गिरिधरपट्टी की रसोइया की मौत के बाद शिक्षक किसी अनहोनी की आशंका से भयभीत हो गए हैं. प्रभारी एचएम ओमप्रकाश कुमार के साथ शिक्षक बीआरसी पहुंचे और अपनी चिंताओं से अवगत कराया. शिक्षकों ने बीईओ को आवेदन सौंपकर विद्यालय को अनिश्चितकाल तक बंद रखने की जानकारी दी.

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साथ ही प्रशासन तथा विभाग के द्वारा विद्यालय में समुचित सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाये जाने तक सभी शिक्षकों का बीआरसी में ही योगदान लेने का अनुरोध किया है. एचएम सहित सभी 24 शिक्षकों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन की प्रतिलिपि बीडीओ के अलावे डीपीओ एमडीएम तथा डीईओ सुपौल को भी भेजी गई है. बताया है कि बीते पांच अप्रैल को विद्यालय में एमडीएम बनाने के दौरान रसोइया अमला देवी पति धर्मदेव उरांव आग से झुलसकर जख्मी हो गई थी.

जख्मी रसोइया को तत्काल ही उपचार के लिए सीएचसी छातापुर में भर्ती कराया गया, प्राथमिक उपचार के बाद उसे सदर अस्पताल सुपौल ले जाया गया. बेहतर इलाज के लिए सुपौल से मधेपुरा मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया. मेडिकल कालेज में समुचित इलाज चल रहा था और जरूरत के अनुसार बाहर से भी आवश्यक दवा इत्यादि खरीदकर दी जा रही थी.

विद्यालय प्रबंधन रसोइया के उपचार पर लगातार नजर बनाये हुए थे. इसी क्रम में 13 अप्रैल की सुबह रसोइया की तबीयत अचानक बिगड़ जाने से उसकी मौत हो गई. स्वजनों का विद्यालय प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप बेबुनियाद है. शव को गिरिधरपट्टी लाये जाने के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने स्वजनों को भड़का दिया व शव को विद्यालय के मेन गेट के सामने रखकर सड़क को जाम कर दिया.

लगातार दो दिनों तक जाम व प्रदर्शन के दौरान उसमें शामिल लोगों ने सभी शिक्षकों को गालियां दी. साथ ही विद्यालय पहुंचने वाले शिक्षकों को जान से मारने की धमकी दी है. इस स्थिति में धमकियों के बाद से शिक्षक भयभीत हो गये हैं. इस परिस्थिति में विद्यालय में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने की दरकार है, अन्यथा की स्थिति में शिक्षकों एवं छात्रों का विद्यालय जाना जोखिम भरा काम हो सकता है.

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