पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर और समसेरगंज समेत अन्य इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुई हिंसा के मामलों की जांच के लिए मुर्शिदाबाद रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के नेतृत्व में 9 सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है. एसआईटी में शामिल सभी सदस्यों को 17 अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है. एसआईटी जांच का यह फैसला ऐसे समय में हुआ है, जब बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद हिंसा ‘पूर्व नियोजित’ थी और इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया.
मुस्लिम समुदाय के लोगों के नेतृत्व में संशोधित वक्फ अधिनियम के खिलाफ मुर्शिदाबाद में चल रहा विरोध प्रदर्शन 11 अप्रैल को उग्र और हिंसक हो गया. जंगीपुर में एक पिता और पुत्र की दंगाइयों ने हत्या कर दी. पुलिस की गाड़ियों और निजी वाहनों को उपद्रवियों की भीड़ ने आग के हवाले कर दिया. दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की. पत्थरबाजी में कई लोग घायल हो गए. पुलिस की गोलीबारी में उग्र भीड़ में शामिल एक व्यक्ति की मौत की भी खबर है. सुती, धुलियान, समसेरगंज और जंगीपुर इलाकों में हुई हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों ने पलायन किया है.
मुर्शिदाबाद में BSF की नौ कंपनियां तैनात
स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद में सीमा सुरक्षा बल की नौ कंपनियों यानी कम से कम 900 कर्मियों को तैनात किया है. इन नौ कंपनियों में से 300 बीएसएफ कर्मी पहले से ही पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में तैनात थे. उन्हें मुर्शिदाबाद में डिप्लॉय किया गया है. हिंसा के सिलसिले में 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. समसेरगंज और धुलियान जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. ममता बनर्जी ने बुधवार को मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा को पूर्व नियोजित करार दिया और बीएसएफ, गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली केंद्रीय एजेंसियों और भाजपा पर बांग्लादेश से सीमा पार घुसपैठ कराकर पश्चिम बंगाल में तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया.
ममता बनर्जी ने हिंसा के लिए bsf को ठहराया जिम्मेदार
मुस्लिम धार्मिक नेताओं के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए, ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम को भेदभावपूर्ण बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसे लागू नहीं करने का आग्रह किया. उन्होंने चेतावनी दी कि यह देश को विभाजित करेगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर लगाम लगाने का अनुरोध किया. ममता ने शाह पर अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए देश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. टीएमसी सुप्रीमो ने दावा किया कि पड़ोसी बांग्लादेश में अस्थिर स्थिति के बावजूद, केंद्र ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम को जल्दबाजी में पारित कर दिया और सीमा पार से अवैध घुसपैठ की अनुमति दी, जिसके कारण बंगाल में अशांति फैली.
बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीएसएफ के एक वर्ग और गृह मंत्रालय के अधीन कुछ केंद्रीय एजेंसियों ने हिंसा को बढ़ावा देने में भूमिका निभाई और उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की भूमिका की जांच करने को कहा. ममता ने कहा, ‘मुझे मुर्शिदाबाद में अशांति के पीछे सीमा पार से तत्वों की भूमिका का दावा करने वाली खबरें मिली हैं. क्या सीमा की सुरक्षा करना बीएसएफ की जिम्मेदारी नहीं है? बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन है. राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा नहीं करती है. केंद्र सरकार जिम्मेदारी से बच नहीं सकती.’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में हिंसा के दौरान पत्थरबाजी करने के लिए बीएसएफ ने स्थानीय युवकों को पैसे दिए थे.
मस्जिद से किया गया था दंगों का आह्वान: सुकांत मजूमदार
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘पीड़ितों के अनुसार, दंगों का आह्वान मस्जिद के लाउडस्पीकर से किया गया था. अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो हम इस तरह की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले किसी भी धार्मिक स्थल पर प्रतिबंध लगा देंगे. मुर्शिदाबाद में पीएफआई सक्रिय था. पश्चिम बंगाल पुलिस ने अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. हिंसा के पीड़ित कोलकाता पहुंच रहे हैं और वे दुनिया को बताएंगे कि मुर्शिदाबाद में क्या हुआ था.’ इससे पहले सुकांत मजूमदार ने बुधवार को मुर्शिदाबाद हिंसा के कुछ पीड़ितों के साथ पश्चिम बंगाल पुलिस मुख्यालय का घेराव किया. वह डीजी राजीव कुमार से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. पीड़ित परिवारों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने की मांग की गई है. इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होनी है, क्योंकि पीड़ित हिंसा के कारणों को समझने के लिए उच्च स्तर की जांच की मांग कर रहे हैं. भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर दंगाइयों का समर्थन करने का आरोप लगाया है.