छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में NSS कैंप में नमाज पढ़ाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के NSS कैंप में हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने का दावा है। इसके बाद ABVP और हिंदू संगठनों ने यूनिवर्सिटी परिसर में 6 घंटे तक प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने रजिस्ट्रार दफ्तर में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। पुलिस अफसरों की मौजूदगी में कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने छात्र नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद NSS की स्थानीय ईकाई को भंग करते हुए सभी 12 कोऑर्डिनेटर को पद से मुक्त करने का आदेश जारी किया।
प्रदर्शन के बाद क्या-क्या एक्शन लिए गए ये समझिए-
छात्र नेताओं की मांग पर कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल को अपने ऑफिस से बाहर निकलना पड़ा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। इसके बाद छात्रों को भरोसा दिलाया कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
सबसे पहले यूनिवर्सिटी ने NSS ईकाई के मुख्य कोऑर्डिनेटर को हटाया।
इसके बाद छात्रों की मांग पर तत्काल प्रभाव से NSS इकाई को भंग किया गया। यानी जिस यूनिट ने कैंप आयोजित किया वो पूरी तरह खत्म की गई है।
इस यूनिट के कार्यक्रम अधिकारी जिन्हें को-ऑर्डिनेटर भी कहा जा रहा है उन्हें भारमुक्त किया गया है। यानी यूनिवर्सिटी के ये प्रोफेसर अब NSS यूनिट के कार्यक्रम अधिकारी नहीं रहेंगे। हालांकि इनकी बाकी सेवा पहले जैसी ही रहेगी। ये काम करते रहेंगे।
इसके अलावा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया है जो 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट देगी।
छात्रों को बयान के लिए बुलाया गया मामला उजागर होने के बाद कुलपति प्रो.चक्रवाल ने निर्देश पर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को कमेटी NSS कैंप में शामिल होने वाले 159 स्टूडेंट्स का बयान दर्ज करेगी। इसके लिए नए समन्वयक प्रो. राजेंद्र मेहता ने सभी छात्रों को पूछताछ के लिए यूनिवर्सिटी बुलाया है।
हालांकि इस पर भी ABVP के छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि, कैंप में शामिल मुस्लिम छात्रों से उन्हें फोन कराया जा रहा है, इससे जांच प्रभावित हो सकती है।
छात्र नेता बोले, कुलपति माफी मांगे प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सनातन संस्कृति को ठेस पहुंचाना निंदनीय है। इस घटना में शामिल सभी शिक्षकों को विश्वविद्यालय से बाहर किया जाए और कुलपति सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। विरोध-प्रदर्शन के दौरान छात्रों की भीड़ रजिस्ट्रार दफ्तर में पहुंच गई।
इस दौरान उन्होंने रजिस्ट्रार कक्ष में हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही कहा गया कि, भविष्य में किसी धार्मिक गतिविधि को शिविरों में स्थान नहीं दिया जाए। इसे लेकर दिनभर विश्वविद्यालय में माहौल गरमाया रहा।
चार छात्रों के अलावा कोई नहीं विवाद के बीच अब तक 4 छात्रों के अलावा 155 छात्रों में कोई भी छात्र मामले में सामने नहीं आया है। बुधवार को भी लगातार अधिकारी और कोनी पुलिस प्रयास कर रही थी कि कोई सामने आएगा, लेकिन किसी का बयान नहीं आया है। इस पर छात्र नेताओं का आरोप है कि शिक्षकों की ओर से दबाव बनाया गया होगा।