पिछले दिनों राज ठाकरे ने एक पॉडकास्ट में कहा कि महाराष्ट्र के लिए छोटे-मोटे मतभेद भुलाकर उद्धव के साथ काम करने को तैयार हैं, बशर्ते उद्धव भी इसके लिए राजी हों. इसके कुछ वक्त बाद उद्धव ठाकरे का इस पर जवाब आया. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कोई इशारा नहीं है और वे महाराष्ट्र के हित में एकजुट होने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए राज को महाराष्ट्र विरोधी ताकतों से दूरी बनानी होगी. सियासी गलियारों में यह चर्चा आगामी बीएमसी और नगर निकाय चुनावों से पहले तेज हुई है.
‘हमें खुशी होगी…’
उद्धव और राज ठाकरे के संभावित पुनर्मिलन पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “अगर दोनों साथ आते हैं, तो हमें खुशी होगी, क्योंकि अगर लोग अपने मतभेद सुलझा लेते हैं, तो यह अच्छी बात है. मैं इसके बारे में और क्या कह सकता हूं?”
राज ठाकरे के सामने शर्तें…
उद्धव ने राज ठाकरे को लेकर कहा कि पहले आप ये तय कर लें कि मैं महाराष्ट्र के हित से समझौता नहीं करूंगा, न ही ऐसे लोगों को अपने घर बुलाऊंगा, न उनके घर जाऊंगा, न मंच साझा करूंगा. ऐसे लोगों की आवभगत नही करूंगा. उनके साथ नहीं बैठूंगा. फिर आप महारष्ट्र हित की बात करें. बाकी रही बात झगड़े की, तो वैसे भी मेरा किसी के साथ झगड़ा नहीं था, लेकिन आज मैं सारे झगड़े खत्म करता हूं.
किसके साथ जाना है ये तय करें: उद्धव
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के हित के लिए अब सभी मराठी लोग तय करें कि भाजपा के साथ जाना है या हमारे साथ? लेकिन एकनाथ शिंदे की गद्दार सेना का साथ नहीं लेंगे. महाराष्ट्र का हित बस यही एक मेरी शर्त है. उन्होंने कहा कि आप लोग तय करें कि किसके साथ जाकर महाराष्ट्र का हित होगा, मेरे साथ या भाजपा के साथ.
महाराष्ट्र के दुश्मन को अपने घर में जगह न दें: संजय राउत
वहीं, उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि राज ठाकरे ने कहा है कि अगर दोनों भाइयों के बीच कोई शिकायत है, तो मैं अपना अहंकार अलग रखूंगा और महाराष्ट्र के सर्वोत्तम हितों के लिए इसे (शिकायत) दूर करूंगा. जिस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम भाई हैं और हमारे बीच कोई शिकायत नहीं है और अगर कोई है, तो मैं उसे दूर करूंगा. लेकिन, आपको महाराष्ट्र और शिवसेना (यूबीटी) के दुश्मन को अपने घर में जगह नहीं देनी चाहिए. अगर आप इस पर सहमत हैं, तो हम निश्चित रूप से बात करेंगे.