बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक जज की नियुक्ति का हवाला देकर कांग्रेस पर हमला किया है. इस वाकये को उन्होंने कांग्रेस के संविधान बचाओ मुहिम की मजेदार कहानी बताकर तंज कसा है. निशिकांत दुबे ने जज बहरुल इस्लाम के बारे में कहा है कि, ‘1977 में इंदिरा गांधी जी के उपर लगे सभी भ्रष्टाचार के केस इन्होंने तन्मयता से खत्म कर दिए, फिर खुश होकर कांग्रेस ने इन्हें 1983 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर कर कांग्रेस से राज्यसभा का तीसरी बार सदस्य बना दिया.’
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार जज बहरुल इस्लाम 1951 में असम उच्च न्यायालय में वकील के रूप में रजिस्टर्ड हुए और 1958 में सर्वोच्च न्यायालय के वकील के रूप में रजिस्टर्ड किए गए. वे 1962 में राज्य सभा के लिए चुने गए और 1968 में दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार उन्होंने असम हाई कोर्ट के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस की. 20 जनवरी, 1972 को तत्कालीन असम और नागालैंड उच्च न्यायालय (अब गुवाहाटी उच्च न्यायालय) के न्यायाधीश नियुक्त किए गए.
11 मार्च 1979 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए. चार महीने बाद 7 जुलाई 1979 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए. 1 मार्च 1980 को बहरुल इस्लाम हाई कोर्ट से रिटायर हो गए. इसके बाद 4 दिसंबर 1980 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त किए गए. इसके बाद बहरुल इस्लाम ने जनवरी 1983 में सुप्रीम कोर्ट से त्यागपत्र दे दिया.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे इस पूरे घटनाक्रम पर अपने एक्स हैंडल पर विस्तार से टिप्पणी की है. निशिकांत दुबे ने लिखा है, “कांग्रेस के संविधान बचाओ की एक मजेदार कहानी,असम में बहरुल इस्लाम साहिब ने कांग्रेस की सदस्यता 1951 में ली, तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस ने उन्हें 1962 में राज्यसभा का सदस्य बना दिया, छह साल बाद दुबारा 1968 में राज्य सभा का सदस्य सेवाभाव के लिए बनाया”
निशिकांत दुबे ने आगे लिखा, “इनसे बड़ा चमचा कांग्रेस को नजर नहीं आया राज्यसभा से बिना इस्तीफा दिलाए हाईकोर्ट का जज 1972 में बना दिया, फिर 1979 में असम हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बना दिया, बेचारे 1980 में रिटायर हो गए, लेकिन यह तो कांग्रेस है. जनवरी 1980 में रिटायर हुए जज को दिसंबर 1980 में सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया, 1977 में इंदिरा गांधी जी के उपर लगे सभी भ्रष्टाचार के केस इन्होंने तन्मयता से खत्म कर दिया, फिर खुश होकर कांग्रेस ने इन्हें 1983 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर कर कांग्रेस से राज्यसभा का तीसरी सदस्य 1983 में ही बना दिया. मैं कुछ नहीं बोलूंगा?”
बता दें कि झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे इन दिनों न्यायपालिका के खिलाफ खुलकर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना पर की गई उनकी टिप्पणी काफी विवादों में रही है. इसके बाद उन्होंने पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी पर टिप्पणी की.
अब उन्होंने बहरुल इस्लाम का मुद्दा उठाया है.
इससे पहले एक ट्वीट कर निशिकांत दुबे ने एक और ट्वीट कर कहा था कि, ‘क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने कानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी.’