राजा देवशरण जिला चिकित्सालय में दिव्यांग कुष्ठ रोगियों के लिए शल्य क्रिया शिविर 23, 24 एवं 25 अप्रैल 2025 को आयोजन किया गया है. जिसमें जिले के 15 चिन्हांकित आरसीएस योग्य मरीजों का ऑपरेशन किया जायेगा. इस शिविर में डॉ. कंबले, प्रधान सलाहकार एच.ए.जी. भारत सरकार RLTRI और MOHFW रायपुर एवं उनकी टीम द्वारा कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों का उपचार किया जायेगा.
CMHO डॉ.जी एस. जात्रा ने बताया गया कि एक दाग विकलांगता को जन्म देता है. कुष्ठ रोग से बचने के लिए समय पर दवाखाना बेहद जरूरी है. साधारणतः यह सर्जरी रायपुर या मेडिकल कॉलेज स्तर पर किया जाता है पर क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जिला चिकित्सालय में शिविर आयोजित किया जा रहा है. कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति यदि विलंब से उपचार शुरू या पूर्णतः उपचार नहीं लेता है. ऐसी स्थिति में हाथ, आंख, पैर में विकृति वाले अंगों को सामान्य अवस्था में लाने के लिए विकृति सुधार शिविर का आयोजन कर उपचार किया जाता है. शासन द्वारा हितग्राहियों को क्षति पूर्ति राशि प्रदान की जाती है.
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ऐसे विकृति सुधार शिविर के हितग्राही को भरण-पोषण की राशि 12000 रूपये प्रति व्यक्ति को किश्तों में प्रदाय किया जाता है. कुष्ठ की बीमारी में प्रारंभिक तौर पर मरीज को मरीज को कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन उपचार नहीं लेने से या अपूर्ण या देरी से उपचार कराने से मरीज के आंख, हाथ, पैर में विकृति आ सकती है.
डॉ. आर.एस. पैंकरा नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि यह बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक नहीं फैलती है. यह किसी पाप का फल नहीं है. यह अविश्वसनीय फैलाया गया है. यदि मरीज पूर्ण उपचार लेता है तो पूर्ण रूप से उपचारित हो जाता है.
चमड़ी पर तेलिया-तामिया चमक हों, चमड़ी पर दाग, चकत्ते जिसमें सुन्न्पन हो, तंत्रिकाओं में मोटापन-सूजन हो, दबाने से दर्द होता हो, हाथ पैरो में झुनझुनी व सुन्नपन हो, चमड़ी पर, खासकर चेहरे पर भौंहों के उपर, ठुड़ी पर या कानों में गठानें, सूजन या मोटापन हो, हाथ पैर में बार-बार फफोले आते हों और पैरों में घाव हो और भर नहीं रहा हो कुष्ठ रोग के प्रमुख लक्षण होते हैं.
संक्रमित व्यक्ति में 01 या 01 से अधिक लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं. अपने घर या आस पड़ोस में इन लक्षणों वाले कोई भी व्यक्ति हों तो स्वास्थ्य कार्यकर्ता को इसकी जानकारी अवश्य दें. सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में कुष्ठ रोग का मुफ्त बहु औषधि उपचार निःशुल्क उपलब्ध है. इस बीमारी के साथ जुड़ी भय एवं भ्रांति को दूर करने एवं संभावित व्यक्ति शीघ्र उपचार एवं निदान स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त करें, पीड़ित होने पर सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में प्राप्त होने वाली मुफ्त बहु औषधि उपचार प्राप्त करें.