कोरबा जिले के बालको नगर क्षेत्र में एक 14 वर्षीय छात्रा जानवी राजपूत ने परीक्षा में कम अंक आने के कारण आत्महत्या कर ली। वह नवमी कक्षा में पढ़ती थी और स्काउट गाइड से भी जुड़ी हुई थी। जानवी के पिता शिव राजपूत भारत एल्युमिनियम कंपनी की एक कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी में कार्यरत हैं।
जानवी की आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है, लेकिन यह घटना समाज और शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों पर पढ़ाई का अत्यधिक मानसिक दबाव उनके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है। जानवी के पिता शिव राजपूत ने बताया कि उसकी बेटी कक्षा नवी में पढ़ाई करती थी पर काफी होनहार और खुशी आरती स्काउट गाइड में अच्छा प्रदर्शन रहा उसका और हर कार्यक्रम में भाग लेती थी सोमवार को उसका रिजल्ट आया। जहां उसने 78% अंक लाई थी रिजल्ट आने के बाद घर पहुंची और खुश तो थी लेकिन मन से नहीं थी उसने बताया कि उसने बहुत मेहनत किया था और उसे और भी अंक आने थे कम अंक आने पर वह थोड़ा निराश है जहां उसका हौसला आप जारी करने के लिए उसके माता-पिता ने उसके लिए नए कपड़े लिए और मिठाई भी बाटी। सोमवार की रात खाना खाकर अपने-अपने कमरे में चले गए जहां वह भी अपने कमरे में सोने चले गई मंगलवार की सुबह जब उठे तो काफी समय बीत जाने के बाद भी उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तब अनहोनी की आशंका हुई और दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी।
जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाऊद कुजुर ने बताया कि जिला मेडिकल कॉलेज से मिले मेमू के आधार पर परिजनों का बयान दर्ज किया गया है जहां जांच के लिए आगे संबंधित थाना बालकों को भेजा जाएगा। इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं उनकी सहेली और दोस्त भी काफी दुखी नजर आए जिन्हें देखकर उनके भी आंख में आंसू छलक गए। जानवी के माता-पिता और खुद की अपेक्षाएं पूरी न होने से भी यह घटना हो सकती है। माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।परीक्षा परिणाम को बच्चों की क्षमता का मापदंड नहीं बनाना चाहिए।बच्चों को समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करना चाहिए ताकि वे दबाव का सामना कर सकें।