Pahalgam attack: ‘गोलियां चल रही थीं, जो पीछे रह गए वो मारे गए…’, पहलगाम आतंकी हमले के चश्मदीदों ने बयां किया खौफनाक मंजर 

पहलगाम की बैसरन वैली में सोमवार शाम अचानक दहशत में बदल गई. जब घोड़े पर सवार पर्यटकों पर अज्ञात आतंकियों की गोलियां बरसाईं. इस घटना में 26 लोगों की मौत हो गई 20 से ज्याद घायल हो गए. महाराष्ट्र के नागपुर के पर्यटक तिलक रूप चंदानी ने बताया कि उन्होंने घोड़ा बुक किया था, गाइड ने सात टूरिस्ट स्पॉट घुमाए.

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मिनी स्विट्ज़रलैंड से निकलते ही 20 फीट दूर से फायरिंग शुरू हो गई पर उन्होंने किसी को गोली चलाते नहीं देखा. लोग एक‑दूसरे के ऊपर गिरते‑कुचलते चार फुट के इकलौते दरवाजे से जंगल की तरफ भागे

तिलक रूप चंदानी की पत्नी जान बचाने के लिए पहाड़ी से कूदीं और दोनों पैरों में फ्रैक्चर हो गया. उन्होंने बताया कि गोलियों की आवाज काफी देर तक सुनाई देती रही, पर पीछे मुड़ने की हिम्मत किसी में नहीं थी. तिलक रूप चंदानी की पत्नी ने बताया कि भीड़ में किसी को अपने ढूंढने का समय नहीं था. चार‑पांच हजार लोग सिर्फ आगे बढ़ते रहे और भगवान का नाम लेते रहे. दो मिनट भी रुकते तो शायद हम यहां तक नहीं पहुंच पाते.

चश्मदीदों ने बयान किया खौफनाक मंजर

इसके अलावा चश्मदीदों का दावा है कि हमलावरों ने पहले नाम पूछा और हिंदू नाम सुनते ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. पुलिस ने इसे धर्म‑आधारित लक्षित हमला माना है और इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. स्थानीय प्रशासन ने बैसरन वैली और आस‑पास के ट्रेक पर पर्यटकों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी है. घायलों का इलाज श्रीनगर के अस्पतालों में चल रहा है. घटना ने घाटी में पर्यटन‑सीजन के बीच सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

 

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