पहलगाम आतंकी हमले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है. सिब्बल ने कहा कि पहलगाम हमला पागलपन और सनक की हद है. सिब्बल ने कहा कि यह हमला सोची-समझी साजिश थी. बैसारन घाटी पहलगाम से थोड़ा ऊपर है, जहां कार और वाहन के अन्य साधन नहीं पहुंचते. वहां सिर्फ घोड़े और खच्चरों से ही पहुंचा जा सकता है. आतंकियों ने बैसारन घाटी को हमले के लिए इसलिए चुना क्योंकि उन्हें पता था कि हमले की सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों को वहां पहुंचने में बहुत समय लगेगा. तब तक वह आसानी से भाग खड़े हो जाएंगे.
कपिल सिब्बल ने कहा कि आतंकियों ने पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग कर दिया था. उन्होंने यह भी सोच-समझकर किया था. पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने हमले से एक हफ्ते पहले जो बयान दिया था, उस पर गौर करने की जरूरत है. मैं गृहमंत्री अमित शाह से आग्रह करना चाहता हूं कि इस हमले के जिम्मेदार लोगों पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा चलाया जाना चाहिए. मैं गृहमंत्री से आग्रह करता हूं कि वे पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करें और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में जाएं. मुझे विश्वास है कि विपक्ष इस पर साथ देगा.
#WATCH दिल्ली: #PahalgamTerroristAttack पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, "इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा चलाया जाना चाहिए। मैं गृह मंत्री से आग्रह करता हूं कि वे पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करें और अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय में जाएं।… pic.twitter.com/D8oQKuLrLg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2025
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आतंकियों ने स्थानीय कश्मीरी आतंकियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स के साथ मिलकर हमले से पहले इलाके की रेकी की थी. हमलावर ने हमले के लिए बैसरन को इसलिए चुना क्योंकि इस इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं थी.
शुरुआती जांच से पता चला है कि आतंकियों ने बॉडीकैम पहने हुए थे. हमलावरों ने इस पूरे हमले की वीडियोग्राफी की. पता चला है कि तीन आतंकियों ने महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग कर दिया था. इसके बाद चुन-चुनकर लोगों को मारा गया. कुछ लोगों को दूर से गोली मारी गई जबकि बाकी को पास से गोली मारी गई. ज्यादा खून बहने से अधिकतर लोगों की मौत हुई.
जांच में पता चला है कि आतंकियों ने जानबूझकर पहलगाम को हमले के लिए चुना. यहां सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं है और हमले के बाद बचाव कार्य में समय लगेगा. आतंकियों ने छिपने के लिए घने जंगल में ठिकाने बना लिए थे. स्थानीय आतंकियों की मदद से आतंकियों ने शायद अब अपनी लोकेशन बदल ली है.