मिशन अस्पताल के एंबुलेंस ड्राइवर ने जहर खायाः कहा- मैनेजर ने शराब की पेटी लाकर पूर्व मैनेजर को देने कहा, मना किया तो FIR की धमकी दी

दमोह के मिशन अस्पताल में बुधवार दोपहर करीब 1.30 बजे एंबुलेंस ड्राइवर नसीम मंसूरी ने जहर खा लिया. मंसूरी का आरोप है कि अस्पताल की मैनेजर पुष्पा खरे ने उन्हें शराब की पेटी लाकर पूर्व मैनेजर संजीव लैंबर्ट को देने कहा. मना करने पर उन्हें एंबुलेंस चोरी का झूठा केस दर्ज करने की धमकी दी.

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मंसूरी का कहना है कि मंगलवार को पुष्पा खरे, दिलीप खरे और क्षितिज ने उन्हें शराब लाने के लिए कहा. मना करने पर धमकी दी. कोतवाली में शिकायत करने गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मंसूरी ने यह भी बताया कि दो साल से मैनेजमेंट उन्हें प्रताड़ित कर रहा है.

सूत्रों के अनुसार, मंसूरी को दो महीने से वेतन भी नहीं मिला. उसकी मांग करने पर भी उसे धमकाया गया. मिशन अस्पताल के लीगल एडवाइजर धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं.

कोतवाली टीआई मनीष कुमार ने बताया कि पीड़ित का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. मामले की जांच की जाएगी. गौरतलब है कि पूर्व मैनेजर संजीव लैंबर्ट पर पहले से ही फर्जी डॉक्टर के मामले में एफआईआर दर्ज है.

 

फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट के पकड़े जाने से चर्चा में है यह अस्पताल

यह अस्पताल 6 अप्रैल को उस समय चर्चा में आया था, जब पता चला कि यहां के एक डॉक्टर नरेंद्र यादव, लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन जॉन केम के नाम पर ढाई महीने में 15 हार्ट सर्जरी कर चुके हैं.

आरोप है कि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए इन ऑपरेशनों में 7 मरीजों की मौत हो चुकी है. उस समय सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन और डीएचओ डॉ. विक्रम चौहान ने जांच में दो मौतों की पुष्टि की थी.

मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था. 10 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने अस्पताल के कैथ लैब को सील की थी.  16 अप्रैल को सीएमएचओ ने अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर इसे तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया था.

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