जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले ने देशभर में दुख और गुस्से की लहर फैला दी है. इस हमले में विशाखापट्टनम निवासी चंद्रमौली और कोच्चि के एडापल्ली निवासी एन रामचंद्रन की दर्दनाक मौत हो गई. दोनों अपने परिवारों के साथ कश्मीर की वादियों में छुट्टियां मनाने गए थे.
विशाखापट्टनम निवासी चंद्रमौली एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी थे. उनकी दो बेटियां अमेरिका में बसी हैं. हाल ही में उनकी छोटी बेटी तीन महीने तक उनके साथ विशाखापट्टनम में रही थी. उसके जाने के चार दिन बाद चंद्रमौली पिछले बीते गुरुवार को कश्मीर की यात्रा पर निकले. उन्होंने अपनी नौकरानी को फ्लैट सौंपकर शुक्रवार को लौटने का वादा किया था. लेकिन आतंकी हमले ने उनकी जिंदगी छीन ली.
चंद्रमौली के अपार्टमेंट में उदासी छाई है. पड़ोसियों ने बताया कि वह मिलनसार और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे. उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से विशाखापट्टनम लाया जाएगा. अभी यह साफ नहीं है कि उनका अंतिम संस्कार विशाखापट्टनम में होगा या पार्वतीपुरम में. उनकी बेटियों के गुरुवार को अमेरिका से लौटने की संभावना है.
कोच्चि: रामचंद्रन की मौत से परिवार सदमे में
कोच्चि के एडापल्ली निवासी एन रामचंद्रन भी इस हमले का शिकार बने. वह अपनी पत्नी शीला रामचंद्रन, बेटी आरती आर मेनन और आरती के जुड़वां बच्चों केदार व दुरपत के साथ कश्मीर गए थे. रामचंद्रन का बेटा अरविंद मेनन बेंगलुरु में कार्यरत है. परिवार को उनकी मृत्यु की सूचना मिल चुकी है. रामचंद्रन ने लंबे समय तक कतर में काम किया और दो साल पहले कोच्चि लौटे थे. उनकी बेटी आरती दुबई में रहती है और छुट्टियां मनाने केरल आई थी, जब परिवार ने कश्मीर की यात्रा की.
रामचंद्रन का पार्थिव शरीर आज कोच्चि लाया जाएगा. परिजनों ने बताया कि वह परिवार के साथ समय बिताने के लिए उत्साहित थे. उनकी पत्नी और अन्य परिवारजन सुरक्षित हैं, लेकिन गहरे सदमे में हैं.
हमले का भयावह मंजर
पहलगाम की बैसारन घाटी को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है. मंगलवार दोपहर 2:45 बजे आतंकियों की गोलियों से गूंज उठी. आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और कई लोगों को गोली मार दी. इस हमले में 28 लोगों की मौत हुई, जिनमें इजरायल और इटली के दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं. 17 से 20 लोग घायल हुए हैं.
प्रशासन का प्रयास
केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई शुरू की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे और पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली में उच्च-स्तरीय बैठक की.