पेट से जुड़ी समस्या में केला और पपीते जैसे फल खाने की सलाह दी जाती है. पपीता में पपैन नाम का एंजाइम होता है, जो प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है और इससे पाचन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. ऐसे में जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है उन्हें पपीता खाने की सलाह दी जाती है. यह और भी कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद होता है.
लेकिन पपीते की तासीर गर्म होती है. ऐसे में इसे गर्मी में मौसम में खाना चाहिए या नहीं इसके लेकर कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि क्या गर्मियों में इसे खाना सही है या फिर इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है. क्योंकि इस समय ठंडी तासीर वाले फल खाने चाहिए, जिससे शरीर को ठंडक मिले. ऐसे में क्या गर्मी में पपीता खाना चाहिए या नहीं… आइए जानते हैं इसके बारे में एक्सपर्ट से
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मेरठ की डाइटिशियन आयशा परवीन ने बताया कि पपीते की तासीर हल्की गर्म मानी जाती है, लेकिन यह शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला भी फल है, खासकर जब इसे पका हुआ खाया जाए. गर्मियों में पपीता खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे शरीर को हाइड्रेट रखने और लू से बचाव करने में मदद मिलती है.
पीता पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होता है. इससे कब्ज की समस्या को दूर करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. पपीते में मौजूद एंजाइम्स पेट को साफ रखने में मदद करते हैं. इसके साथ ही ये स्किन को ग्लोइंग बनाने में भी मददगार होता है. पपीता वजन कम करने वाले लोगों के लिए भी एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा मात्रा में होता है.
किन लोगों को नहीं खाना चाहिए पपीता?
एक्सपर्ट का कहना है कि पपीता की तासीर गर्म होती है जिसकी वजह से कुछ लोगों को इसे ज्यादा मात्रा में खाने से एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है. खासकर गर्भवती महिलाओं को पपीता खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. गर्मी में पपीते का साथ छाछ, दही और खीरा जैसी ठंडी चीजें खाना सही रहता है. ऐसा करने से शरीर में गर्मी असर होगा और बैलेंस बना रहेगा.
सुबह खाली पेट पपीता खाना फायदेमंद होता है, लेकिन जिन लोगों को इससे एलर्जी या इसे खाने से पेट में जलन हो तो तुरंत इसका सेवन बंद कर देना चाहिए. जिन लोगों को एसिडिटी या पेट में जलन रहती है, उन्हें खाली पेट पपीता नहीं खाना चाहिए. पपीता गर्मी में खाना सही है लेकिन इसे सीमित मात्रा और सही तरीके से ही खाना चाहिए.