मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि गांव के सरपंचों को हर महीने 2000 रुपये दिए जाएंगे. सरपंचों को शपथ ग्रहण के दिन से ही वेतन का भुगतान किया जाएगा. चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में सीएम भगवंत मान ने पंचायत दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान ये बातें कहीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जल्द ही संख्या दो हजार में एक और शून्य जोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि पहले सरपंचों को 1000 रुपये प्रतिमाह मिलते थे. जिसके चलते कुछ पंचायतों ने पैसा न मिलने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद सरकार ने 2019 में पेंशन बंद कर दी.
पंचायत प्रमाण पत्र के बाद भुगतान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने रजिस्ट्री की भाषा को सरल बनाया है. अब उर्दू के शब्दों को हटाकर पंजाबी में लिखा जाएगा, ताकि सारा काम आसानी से हो सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गांव की संपर्क सड़कों को सुधारने के लिए एक परियोजना शुरू की जाएगी. इसमें ठेकेदार को भुगतान तभी किया जाएगा जब पंचायत यह प्रमाण पत्र देगी कि सड़क का निर्माण सही तरीके से हुआ है.
नरेगा योजना में बदलाव होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जब गांवों में कोई अन्य काम नहीं होगा तो लोगों को नरेगा योजना के तहत काम दिया जाएगा. इससे लोगों को लाभ होगा. इसके साथ ही नरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों की सूची तैयार की जाएगी ताकि गांवों का सही मायने में विकास हो सके.
नशा मुक्त गांव को मिलेगा विशेष फंड
इसके साथ ही मान ने पंचायतों से अपील की है कि सरकार ने नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया है. इसमें आपका सहयोग आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कई पंचायतों ने भी इसका समर्थन किया है. जो गांव नशामुक्त होगा, उसे विकास के लिए एक लाख रुपये का विशेष कोष दिया जाएगा.
नहर का जलस्तर बढ़ने लगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने शपथ ली थी तब हम 21 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग कर रहे थे. इसके कारण जलस्तर काफी नीचे चला गया. अब 65 प्रतिशत गांव नहर के पानी का उपयोग कर रहे हैं. आज भी पाकिस्तान की जल आपूर्ति बंद कर दी गई है. हमने इसे पहले ही बंद कर दिया था. नहर का पानी भूमि की उर्वरता भी बढ़ाता है.
क्या आप रात को बिजली उपलब्ध कराएंगे?
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां बिजली की कमी है, वहां हम रात में बिजली उपलब्ध कराएंगे. क्योंकि कई जगहों पर रस्सी और मोटर दोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे पहले, अधिकांश क्षेत्र डार्क जोन में थे. अब वहां जलस्तर एक मीटर बढ़ गया है.
मुख्यमंत्री ने सरपंचों से अपील की है कि वे जहां भी मोटरसाइकिलें हों, वहां कम से कम चार पेड़ लगाने का प्रस्ताव पारित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगानगर में हमसे ज्यादा पेड़ हैं, जबकि हम कहते हैं कि यह रेगिस्तान है. उन्होंने कहा, “आप प्रकृति के साथ छेड़छाड़ क्यों कर रहे हैं?” सांस लेना मुश्किल हो गया है. इस बार हम गांवों में बिजली, पानी और तालाबों की समस्या का समाधान करेंगे. अब हर गांव में खेल का मैदान बनाया जाएगा.
मिनी बसों के लिए परमिट जारी किये जायेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गांवों के युवाओं को अच्छा रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए बस परमिट जारी किए जाएंगे. इस दौरान चार-चार युवाओं को परमिट दिए जाएंगे. ये 30-30 किलोमीटर के रूट होंगे. इसके लिए जल्द ही आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे. इसमें कोई सिफ़ारिश नहीं होगी. इससे कई और लोगों को रोजगार मिलेगा. हमें अपने युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी प्रदाता बनाना होगा.