सीबीआई छापे के बाद मंडल कार्यालय में लगी आग, सबूत मिटाने की साजिश?

चंदौली : शुक्रवार को पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल कार्यालय में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई. आग ने सेवा निवृत्त आरपीएफ कर्मियों के कक्ष में रखे फाइलें, कंप्यूटर, और अन्य उपकरणों को खाक कर दिया. लपटें वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त (आरपीएफ) और अकाउंट सेक्शन तक पहुंच गईं.

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फायर ब्रिगेड ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, जिससे ऊपरी मंजिलों पर भारी नुकसान टल गया। लेकिन घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. पिछले दिनों लोको पायलट पदोन्नति परीक्षा में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई ने डीडीयू मंडल में छापेमारी की थी. इसके  बाद आग लगने की इस घटना को लेकर साजिश की अटकलें लगाई जा रही हैं.

चार मंजिला मंडल कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर बने सेवा निवृत्त कर्मियों के कक्ष में भोर में आग लगी. कर्मचारियों ने फायर एक्सटिंगुइशर से बुझाने की कोशिश की, लेकिन लपटें तेज होने के कारण वे नाकाम रहे. आग की सूचना पर डीआरएम उदय सिंह मीना, वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त जेथिन बी राज, और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे.

आग से कक्ष में रखी कई महत्वपूर्ण फाइलें, एसी, कंप्यूटर और फर्नीचर जल गए. कर्मचारियों का कहना है कि अगर आग और फैलती, तो वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त और अकाउंट सेक्शन में बड़ा नुकसान हो सकता था.

रेल प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है.

सीबीआई छापेमारी के बाद हुई इस आगजनी ने सुरक्षा और प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या यह महज एक दुर्घटना थी, या भ्रष्टाचार से जुड़े सबूतों को मिटाने की कोशिश? यह सवाल रेल प्रशासन और जांच एजेंसियों के सामने चुनौती बनकर खड़ा है.

रेलकर्मियों और स्थानीय लोगों ने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. रेल प्रशासन ने घटना की परिस्थितियों को देखते हुए जांच को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है. यह घटना न केवल मंडल कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की गहराई से जांच की आवश्यकता को भी उजागर करती है.

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