कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 28 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. इस घटना से पूरा देश मर्माहत है. घटना के तीसरे दिन 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व से आयोजित पंचायती राज दिवस के कार्यक्रम के मौके पर बिहार के मधुबनी पहुंचे थे. उन्होंने वहां से बहुत बड़ी-बड़ी घोषणा भी की, लेकिन बिहार में चुनावी साल है तो विपक्ष उनके आगमन को लेकर सीधा हमला किया है.
पीएम मोदी के बचाव में बोले अशोक चौधरी
आरजेडी, कांग्रेस नेता और पप्पू यादव ने भी बयान जारी करते हुए कहा है कि देश में इतनी बड़ी घटना घटी है और वह राजनीति करने के लिए बिहार आए हैं. अब पीएम मोदी के बचाव में एनडीए समर्थित जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पीएम मोदी से तुलना कर कटघरे में खड़ा किया है.
विपक्ष के हमले के सवाल पर अशोक चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मिथिला की धरती से पूरे देश और दुनिया को संदेश दिया है कि हम आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर तक जा सकते हैं. यह सियासत कैसे हुई? क्या हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह मौन रहते तब अच्छा रहता ? यहां प्रधानमंत्री ने बिहार की क्रांतिकारी धरती से देश और दुनिया को संदेश दिया है. सियासत तो विपक्ष कर रहा है, क्योंकि वह बौखलाया हुआ है.
‘बिहार को सौगात देने आए थे प्रधानमंत्री’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सुनने के लिए 70-70 किलोमीटर पैदल चलकर लोग पहुंचे थे. चार लाख लोगों की भीड़ हुई थी, यह बात विपक्ष को पच नहीं रही है. विपक्ष कह रहा है कि पीएम मोदी सियासत कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री ने रेलवे में, विद्युत में नई-नई सौगात बिहार को दिए हैं. वह यहां आकर बिहार को कुछ देने का काम किए हैं. कई उद्घाटन कर रहे हैं, कई नई चीजों का शिलान्यास कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने बिहार आकर जो बिहार के कलाकृति है वह उसका उत्साह बढ़ाने का काम किया हैं. जनप्रतिनिधियों का जो काम है उसका उत्साह बढ़ाएं हैं. बिहार के लिए वो अलग नजरिया रखे हैं, यह सब बात विपक्ष को नहीं दिख रही है.