पहलगाम हमले के बाद रेलवे ने GRPF को किया आगाह, खास मुस्तैद रहने की दी सलाह

पहलगाम हमले के बाद घाटी में आतंकियों के निशाने पर रेलवे भी हो सकता है. इसके लिए रेलवे ने खास दिशानिर्देश जारी किया है. खुफिया इनपुट से मिले संकेतों के मुताबिक, रेलवे ने कहा है कि स्थानीय पुलिस/जीआरपी और केंद्रीय/राज्य खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय में सभी आवश्यक एहतियाती उपाय करने की सलाह दी जाती है ताकि ऐसे किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके और रेलवे में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.

Advertisement

रेलवे ने आगे कहा कि जीआरपी/आरपीएफ/आरपीएसएफ और रेलवे कर्मचारियों को इस इनपुट के बारे में संवेदनशील बनाएं और उन्हें अधिकतम अलर्ट पर रखें. सुरक्षा बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए आपका सहयोग आवश्यक है. आतंकियों के कायराना हरकत के बाद एजेंसियां हर कदम फूंक फूंक कर रख रही हैं.

रेलवे को मिले ये खुफिया इनपुट

ISI गैर-स्थानीय व्यक्तियों, पुलिस कर्मियों (CID) और कश्मीरी पंडितों पर लक्षित हमले करने की योजना बना रही है, विशेष रूप से श्रीनगर और गंदेरबल जिलों में.

21.04.2025 की शाम को, जिला बांदीपुरा के हशर पर्रे हमजा के रूप में पहचाने जाने वाले एक स्थानीय आतंकवादी को एक ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के साथ, बारामुल्ला जिले के PS-पट्टन के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव क्रेरी से पट्टन रेलवे ट्रैक की ओर जाते देखा गया. कथित तौर पर वे छोटे हथियारों से लैस थे और सुरक्षा बलों पर हमला करने या अन्य आतंकवाद से संबंधित घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं.

22.04.2025 को पर्यटकों पर हुए हालिया आतंकवादी हमले के मद्देनजर, विश्वसनीय स्रोतों और सहयोगी खुफिया एजेंसियों से विश्वसनीय इनपुट बताते हैं कि आतंकवादी संगठन आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों और गैर-स्थानीय व्यक्तियों को निशाना बनाकर हमले की सक्रिय रूप से योजना बना रहे हैं.

ये संगठन कथित तौर पर उत्तर, मध्य और दक्षिण कश्मीर में सक्रिय हैं. यह देखते हुए कि रेलवे का बुनियादी ढांचा एक कमजोर लक्ष्य बना हुआ है, और घाटी में रेलवे कर्मचारियों की एक बड़ी संख्या गैर-स्थानीय है, रेलवे को निशाना बनाकर घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

इसके अतिरिक्त, यह देखा गया है कि रेलवे सुरक्षा कर्मी अक्सर अपने निर्धारित शिविरों/बैरक से बाहर निकलकर स्थानीय क्षेत्रों और बाजारों में चले जाते हैं. यह व्यवहार उनकी भेद्यता को बढ़ाता है और असामाजिक तत्वों का अनुचित ध्यान आकर्षित कर सकता है. कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए.

Advertisements