मध्य प्रदेश: जबलपुर के भिटोनी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार रात एक पेट्रोल से भरे टैंकर वैगन में अचानक आग भड़क गई, आग लगते ही स्टेशन परिसर में अफरा-तफरी मच गई. रेलवे ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तीनों दिशाओं से खतरे का सायरन बजाया और तत्काल दुर्घटना राहत गाड़ी को रवाना किया गया.
भिटोनी रेलवे स्टेशन पर पेट्रोल से भरी लगभग 50 बोगियों वाली इस ट्रेन की बोगियों से लगातार भीषण लपटें उठने लगीं, जिससे अफरा-तफरी मच गई. ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल बन गया. लोग घरों से बाहर निकल आए. कई परिवार अपने घर खाली कर 30 से 40 किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थानों की ओर निकल गए.
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह स्टेशन पर चाय पीने आया था, तभी उसने बोगी से उठती लपटें देखीं. वीरू ने तत्काल स्टेशन मास्टर को सूचना दी, जिससे स्टेशन को खाली करवा लिया गया. वीरू ने यह भी बताया कि यहां वैगनों से पेट्रोल-डीजल की चोरी आम बात है, जिससे इस तरह की घटनाएं बार-बार घटित हो रही हैं.
घर छोड़कर भाग गए लोग
50 बैगन थे, जिसमें 70 हजार लीटर तेल था. स्थानीय निवासी मोनू जायसवाल ने बताया कि करीब 14,000 लोगों की यहां आबादी है. लोग अपने परिवार को लेकर यहां से दूर भाग गए. घटना को देखते हुए पूरा इलाका खाली हो गया. बताया जाता है कि डीजल-पेट्रोल चोरी होने की घटना आए दिन होती रहती है, जिस कारण इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं.
घटना रात करीब 8:45 बजे की है, जब शहपुरा के दो स्थानीय लड़कों ने बोगी से उठती लपटें देखीं और तत्काल इसकी सूचना स्टेशन मास्टर और पुलिस को दी। पेट्रोल से भरी लगभग 50 बोगियों वाली इस ट्रेन की 4-5 बोगियों से लगातार भीषण लपटें उठने लगीं, जिससे अफरा-तफरी मच गई. ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल बन गया, लोग घरों से बाहर निकल आए, कई परिवार अपने घर खाली कर 20 किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थानों की ओर निकल गए.
पुलिस, आरपीएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और इलाके को घेर लिया। सुरक्षा के मद्देनजर आसपास के इलाकों को खाली कराया गया और लोगों को स्टेशन से पर्याप्त दूरी बनाए रखने की हिदायत दी गई.
शहपुरा और आसपास के फायर ब्रिगेड कर्मियों के साथ भारत पेट्रोलियम और आयुष कंपनी के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, 10 दमकलों और फोम के उपयोग से करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग को बुझाया गया, यदि आग समय पर नहीं बुझाई जाती तो यह एक भयावह हादसा बन सकता था, जिससे 20 किलोमीटर तक का क्षेत्र प्रभावित हो सकता था.