पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानियों को भारत से वापस भेजने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में राजस्थान के चुरू में एक महिला थाने में पहुंची. उसने पुलिस से कहा- साहब, मेरे पूर्व पति की नई बीवी भी पाकिस्तानी है. वो यहां पिछले एक साल से रह रही है. उसे भी वापस भेजो, वो देश के लिए खतरा साबित हो सकती है.
शुक्रवार 25 अप्रैल को एक महिला चूरू एसपी ऑफिस पहुंच गई. महिला अपने पिता के साथ एसपी जय यादव से मिली और एक ज्ञापन देते हुए कहा कि चूरू के पिथिसर गांव में एक पाकिस्तानी महिला रहती है. उसे तुरंत वापस भेजा जाए. वह महिला भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है. शिकायत के मुताबिक, पाकिस्तान की रहने वाली 34 वर्षीय मेहविश पिछले करीब एक साल से चूरू के पिथिसर गांव में रहती है.
शिकायतकर्ता महिला फरीदा ने बताया- मेहविश ने पिथिसर निवासी रहमान से निकाह किया था. पहले ऑनलाइन निकाहनामा पढते हुए दोनों ने एक दूसरे को पति पत्नी के रूप में कबूल किया था. जुलाई 2024 में मेहविश वाघा बॉर्डर पहुंची तो रहमान का पूरा परिवार उसे लेने पहुंचा था. बॉर्डर पर ही उसका स्वागत किया और बड़े सम्मान के साथ उसे पिथिसर लाया गया. रहमान से निकाह करने के बाद पाकिस्तानी युवती मेहविश उसके साथ पिथिसर में रहने लगी.
‘देश के लिए खतरा है पति की नई बीवी’
फरीदा हनुमानगढ़ जिले के भादरा की रहने वाली है. फरीदा ने एसपी से कहा- मेहविश हमारे देश के लिए आंतरिक खतरा साबित हो सकती है. उसके संदिग्ध गतिधियों में शामिल रहने की संभावना है. फरीदा ने कहा कि चूंकि मेहविश पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली है और वहां के कई लोगों से उसका सीधा संबंध है. वह लगातार पाकिस्तानी लोगों के संपर्क में है. वह भारत के सीमावर्ती इलाकों की खुफिया जानकारियां पाकिस्तानी लोगों तक पहुंचा सकती है. भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के आधार पर उसे वापस पाकिस्तान भेजे जाने की मांग की गई है क्योंकि उसे अवैध रूप से भारत में रहने की जानकारी मिली है.
फरीदा के पूर्व पति की नई बीवी है मेहविश
फरीदा चूरू के पिथिसर निवासी रहमान की पहली पत्नी है. उसके दो बच्चे भी हैं. पिछले साल रहमान ने फरीदा को तीन तलाक देकर पाकिस्तानी युवती मेहविश से निकाह कर लिया था. पति द्वारा छोड़ने के बाद फरीदा ने रहमान के खिलाफ तीन तलाक और दहेज प्रताड़ना का मुकदमा भी दर्ज कराया था, जिसमें रहमान की गिरफ्तारी भी हुई. कुछ समय बाद ही रहमान को जमानत मिल गई और वह जेल से छूट गया. तब से रहमान और मेहविश गांव में ही रहते हैं.