Rajasthan: उदयपुर के एमबी अस्पताल में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, मेडिसिन वार्ड में छत से पंखा गिरने के कारण एक मरीज की जान चली गई.्त्क्षदर्शियों के जैसे ही पंखा नीचे गिरा, वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों और उनके परिजनों के बीच अफरा-तफरी मच गई। दुर्भाग्यवश, पंखा सीधे एक मरीज पर गिरा, जो चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा क्षेत्र का रहने वाला था और बाद में उसकी मृत्यु हो गई.
अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पंखा गिरने की घटना शनिवार देर रात हुई। उन्होंने कहा कि पंखा मरीज को मामूली रूप से लगा था, जो पहले से ही गंभीर हालत में था और उसके चेहरे पर चोट आई थी। हालांकि, डॉ. सुमन के इस स्पष्टीकरण के बावजूद कई महत्वपूर्ण प्रश्न अनुत्तरित रह जाते हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि यदि मरीज इतना गंभीर था तो उसे मेडिसिन वार्ड में क्यों भर्ती किया गया था? क्या अस्पताल में गंभीर रोगियों के लिए कोई विशेष व्यवस्था या गहन चिकित्सा इकाई उपलब्ध नहीं थी?
यह घटना अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करती है। अस्पताल के वार्डों में बिजली के उपकरणों का नियमित रखरखाव क्यों नहीं किया जाता? यह एक बड़ी चूक है जो मरीजों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में इसी अस्पताल में पेड़ गिरने से एक व्यक्ति घायल हो गया था, जो अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की कमी को दर्शाता है.
इस दुखद घटना की गहन जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। अस्पताल प्रशासन को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। सभी वार्डों और अन्य क्षेत्रों में बिजली के उपकरणों और अन्य संरचनाओं का नियमित निरीक्षण और रखरखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सुरक्षा मानकों और मरीजों की देखभाल के प्रति अस्पताल प्रशासन की गंभीरता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है.