जैसलमेर : कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का असर भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर पड़ा है. भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि स्थगित करने के साथ ही अटारी-वाघा बॉर्डर को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया है. भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़कर स्वदेश (पाकिस्तान) जाने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद पाकिस्तान के सिंध से 13 दिन पहले अपने ससुराल जैसलमेर आईं दो दुल्हनों पर दुखों का पहाड़ का टूट गया है.
दुल्हनों के हाथों में लगी मेहंदी का रंग अभी तक पूरा छूटा भी नहीं है कि उनको पीहर भेजने के आदेश आ गए हैं.
इसके बाद घर में खुशियों की जगह मायूसी का माहौल है. इधर, ये खबर सुनकर एक दुल्हन के पति की तबीयत बिगड़ गई. उसका जोधपुर में इलाज चल रहा है.
पाकिस्तान में अगस्त 2023 में हुई थी शादी जैसलमेर के देवीकोट के रहने वाले सालेह मोहम्मद और मुश्ताक अली (चचेरे भाई) जुलाई, 2023 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले में अपनी बुआ से मिलने गए थे. वहां उनको करम खातून (21) और सचुल (22) नामक युवतियों से प्यार हो गया.
परिवारों की रजामंदी के बाद दोनों का निकाह अगस्त 2023 में करवा दिया गया. निकाह के बाद दोनों दुल्हनों को भारत का वीजा नहीं मिल सका. इस बीच दोनों दूल्हे अपनी दुल्हनों को छोड़कर सितंबर 2023 में भारत लौट आए और वीजा मिलने पर दुल्हनों के ससुराल आने का इंतजार करने लगे.
वीजा मिलने पर 13 अप्रैल को भारत आई दोनों दुल्हनें
करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद दोनों दुल्हनों को आखिरकार अप्रैल 2025 में भारत सरकार ने वीजा जारी किया. दोनों 13 अप्रैल को जैसलमेर आईं और परिवार के साथ रहने लगी. 10 दिन बाद (22 अप्रैल) ही पहलगाम में आतंकी हमला हो गया. इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश जारी कर दिया.
दुल्हन के ससुर हाजी अब्दुल्ला ने बताया- दोनों दुल्हनों के भारत आने के बाद उन्होंने लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) अप्लाई कर दिया था. लेकिन सरकार का आदेश आने के बाद से पुलिस प्रशासन उनको फोर्स कर रहा है कि वे इन दोनों को वापस पाकिस्तान भेजें. अब ऐसे हालत में ये दोनों कैसे पाकिस्तान जाएगी. वहां से जाने के बाद रास्ते बंद हो जाएंगे, तो परिवार ही उजड़ जाएगा. उन्होंने भारत सरकार से परिवार को बसाने की गुजारिश की है. दोनों दुल्हन बोलीं- मर जाएंगे, लेकिन पतियों से दूर नहीं जाएंगे.
पाकिस्तान भेजने की जानकारी मिलते ही दोनों दुल्हनें मायूस हो गई. दोनों का कहना है कि वे मर जाएंगे, लेकिन अपने पति और परिवार को छोड़कर वापस पाकिस्तान नहीं जाएंगे.
उधर, भारत सरकार के आदेश के बाद दूल्हे मुश्ताक की तबीयत बिगड़ गई, उसका जोधपुर में इलाज चल रहा है. परिवार को उम्मीद है कि भारत सरकार उनके दर्द को समझेगी और परिवार को उजड़ने से बचा लेगी.
ससुर ने कहा- करम खातून की मां नहीं, पिता अरब में, कैसे भेजें?
करम खातून के ससुर अब्दुल्लाह ने बताया-करम खातून की मां की मौत हो चुकी है. उसे पिता ने ही पाला और शादी के बाद पिता भी अरब में काम करने चले गए. ऐसे में हम करम खातून को किसके भरोसे वापस पाकिस्तान भेज सकते हैं. ससुर अब्दुल्लाह का कहना है कि करम खातून के पिता से संपर्क ही नहीं हो पा रहा है. वहां कोई नहीं है, जो इसे रख सके. इस कारण वे बहू को अकेले पाकिस्तान नहीं भेज सकते हैं. ऐसे में सरकार से रियायत देने की अपील की है.
भारत सरकार सख्त, 4 पाक नागरिक वापस भेजे
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार का रुख सख्त है. भारत घूमने आए पाक नागरिकों को अटारी बॉर्डर से वापस पाक भेजने के निर्देश दिए गए हैं. शुक्रवार (25 अप्रैल) तक वीजा पर आए 4 पाक नागरिकों ने जैसलमेर के विदेशी पंजीयन अधिकारी विक्रम सिंह भाटी से अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान जाने की अनुमति ली है.
सभी पाकिस्तानी नागरिक जो धार्मिक वीजा, विजिटर वीजा या अन्य कारण से पिछले दिनों भारत आए थे, उनमें से जिन्हें भी लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) की स्वीकृति मिली है अथवा विचाराधीन है, उनको छोड़कर सभी पाक नागरिकों को भारत सरकार के निर्देशों की पालना में 27 अप्रैल तक अटारी बॉर्डर से पाक लौटना होगा.