माता-पिता की लापरवाही से बच्चों का भविष्य खतरे में? एजुकेशन लोन से जुड़ी बड़ी चेतावनी…

एजुकेशन लोन किसी भी बच्चे की महंगी पढ़ाई में मददगार होता है. बैंक भी एजुकेशन लोन पास करते हैं, लेकिन इससे जुड़े कुछ पेच हैं. जिन पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हुई है. अभी अगर किसी पेरेंट्स का कोई एक अकाउंट डिफॉल्ट हो जाता है, तो उसके बच्चे का एजुकेशन लोन के फंड से भी पैसा नहीं निकलता है. पेरेंट्स की एक गलती का असर बच्चे के फ्यूचर पर पड़ सकता है. हालांकि, इसमें सुधार के लिए आरबीआई रिव्यू कर रही है. आइए आपको एजुकेशन लोन से जुड़े डिफॉल्ट नियम, RBI का प्वाइंट और बैंकों की मांग के बारे में डिटेल में बताते हैं.

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पिछले महीनें देश की बैंकों ने आरबीआई और सरकार के पास इससे जुड़े नियमों पर रिव्यू करने की गुहार लगाई, जिसके बाद एजुकेशन लोन से जुड़े नियमों की चर्चा होने लगी है. लोन के मौजूदा नियम के मुताबिक, किसी भी स्टूडेंट को 7.5 लाख रुपये तक लोन मिल जाता है, जिसमें किसी सिक्योरिटी और थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं होती है, लेकिन उसके साथ पेरेंट्स भी साथ में उधार लेने वाले बनते हैं. पेच यहीं पर फंस रहा है. असल में जब पैरेंट्स किसी लोन में पार्टनर होते हैं. उनका नाम भी एजुकेशन लोन में रहता है, तो आरबीआई के नियम के मुताबिक, अगर उन्होंने पहले कोई लोन लिया है. वह एनपीए हो गया है, तो दूसरा लोन यानी एजुकेशन लोन भी एनपीए हो जाएगा. ऐसा कई स्टूडेंट के साथ हो भी गया है.

एजुकेशन लोन का मौजूदा नियम

RBI की ओर से आय पहचान, एसेट क्लासिफिकेशन और आईआरएसी पर मौजूदा एनपीए का क्लासिफिकेशन इंसान के आधार पर होता है. न कि अकाउंट के आधार पर. मतलब कि अगर किसी का एक लोन डिफॉल्ट होगा, तो उसके बाकी लोन भी डिफॉल्ट हो जाएंगे. हालांकि, आरबीआई रिव्यू में इस नियम को बदलने पर विचार कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई लोन और इंसान को अलग-अलग करना चाह रहा है, जिससे अगर किसी एक इंसान का एक लोन डिफॉल्ट होता है, तो उसका असर दूसरे लोन पर नहीं पड़ेगा. बैंक इस पर आंशिक तौर से सहमत हैं.

बैंकों की मांग

वहीं, बैंक चाह रहे हैं कि आरबीआई अकाउंट और व्यक्ति को अलग करे, तो वह सिर्फ और सिर्फ एजुकेशन लोन के लिए करें, अगर किसी पेरेंट्स पर लोन हैं, तो उसकी वजह से बच्चे के लोन पर असर न पड़ें. बैंकों की मांग है कि आरबीआई सभी तरह को लोन डिफॉल्ट में बदलाव न करें, उन्हें मौजूदा नियम के हिसाब से ही चलते दें.

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