Madhya Pradesh: जबलपुर में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस और वकीलों के बीच विवाद, पुलिस कर्मचारियों पर मामला दर्ज

Madhya Pradesh: जबलपुर में इन दिनों चौराहे-चौराहे हेलमेट चेकिंग जमकर चल रही है, यहां बता दें कि जबलपुर में इन दिनों चौराहे-चौराहे हेलमेट चेकिंग जमकर चल रही है, पुलिस ने हेलमेट चेकिंग का अभियान तेज किया है, लेकिन इसी दौरान आम लोगों का पुलिस के साथ विवाद भी खूब हो रहा है.
पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय के आदेश पर इन दिनों शहर के थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, जिससे चालानी कार्रवाई बढ़ गई है। इस कारण पुलिस और आम लोगों के बीच लगातार वाद-विवाद की स्थिति बन रही है। हाल ही में माढ़ोताल थाने में पुलिसकर्मियों और नागरिको के बीच गंभीर विवाद सामने आया है, जिनमें एफआईआर तक दर्ज हुई हैं। विबाद इतना बड़ा की दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज हो गई, माढ़ोताल में वकीलों और पुलिस के बीच वाद विवाद हो गया इसके साथ ही वकीलों और पुलिस कर्मचारियों ने मारपीट करते हुए उनसे झूमा झपटी कर डाली.
मामला माढ़ोताल थाने का है, जहां अधिवक्ता विवेक पटेरिया ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें वाहन चेकिंग के दौरान रोका और परिचय देने के बावजूद दुर्व्यवहार किया. पुलिस ने उनके वाहन की चाबी छीन ली और धक्का-मुक्की की, जिससे उनकी उंगली में चोट आई, घटना की जानकारी मिलते ही जिला अधिवक्ता संघ के सचिव ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी मौके पर पहुंचे, लेकिन उपनिरीक्षक बृजेश तिवारी ने उनके साथ भी अभद्रता की और जान से मारने की धमकी दी। अधिवक्ताओं के विरोध के बाद थाना माढ़ोताल में एसआई बृजेंद्र तिवारी एवं एक अन्य पुलिस कर्मी के खिलाफ बीएनएस, 2023 और एससी एसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया.
वही एसआई वृजेन्द्र तिवारी की ओर से अधिवक्ताओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, पुलिस का कहना है कि वाहन दस्तावेज अधूरे होने के कारण चालान की कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन अधिवक्ताओं ने पुलिस से अभद्रता की और मारपीट करना शुरू कर दिया, जिस पर निष्पक्ष जांच जारी है.
इन घटनाओं के बाद जबलपुर में आम जनता में आक्रोश है। लोगों का आरोप है कि पुलिस चालानी कार्रवाई के नाम पर खुलेआम वसूली कर रही है, पुलिसकर्मी बिना दस्तावेज जांचे ही गाड़ियों की चाबी निकाल लेते हैं और गाली-गलौज करते हैं, जिससे आम नागरिक खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं, जनता ने मांग की है कि इस तरह की अव्यवस्थित वसूली पर रोक लगाई जाए और पुलिसकर्मियों को आमजन से सम्मानपूर्वक व्यवहार करने का निर्देश दिया जाए.
वही पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय के आदेश पर जबलपुर जिले के प्रत्येक थाना को 100 चालान करने का आदेश दिए गए हैं। सुबह 10 से लेकर देर रात तक चालानी कार्यवाही पूरी करनी है और ऐसा नहीं करने पर वह स्टाफ पुलिस अधीक्षक का सजा पात्र होगा। लेकिन इसमें सबसे खास बात है कि चालानी कार्रवाई से गरीबों के लिए है। क्योंकि राजनीतिक नेता वकील डॉक्टर या फिर कोई बड़ा आदमी फोन कर किसी ने किसी से बात कर देता है। अगर चालान कटता है तो सिर्फ गरीबों का.
यह घटनाक्रम न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नागरिकों और पुलिस दोनों को अपने-अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन करना चाहिए। कानून का पालन और संयमित व्यवहार ही शांति व्यवस्था बनाए रखने का आधार हो सकता है.
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