कोंडागांव सखी वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक पर युवती और एक नाबालिग लड़की ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जिला कलेक्टर और महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपी गई शिकायत में अभद्रता करने और एक लाख रुपए की मांग करने की बात कही गई है। जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि केंद्र प्रशासक पर पूर्व में भी एक अन्य प्रकरण में जांच जारी है।
जानकारी के अनुसार, 18 मार्च 2025 को सखी सेंटर में काउंसलिंग के लिए बुलाई गई युवती का आरोप है कि उसे एक कमरे में बंद कर करीब डेढ़ घंटे तक रखा गया। जब अभिभावकों ने पूछताछ की तो उन्हें ‘कार्यवाही चल रही है’ कहकर रोक दिया गया। युवती का कहना है कि काउंसलिंग के दौरान उससे अभद्र भाषा में बात की गई और दबाव बनाकर एक पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए।
मामला निपटाने के लिए एक लाख रुपए की मांग
आरोपों के मुताबिक युवती को बार-बार बुलाकर घंटों बिठाया गया और मानसिक प्रताड़ना दी गई। इतना ही नहीं, युवती ने आरोप लगाया कि केंद्र प्रशासक और एक महिला कर्मचारी ने एक लाख रुपए की मांग कर मामला निपटाने का प्रस्ताव भी रखा, जिसे अस्वीकार करने पर जेल भेजने की धमकी दी गई।
प्रशासन की सख्त प्रतिक्रिया महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अवनी बिस्वाल ने कहा, शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। यदि नाबालिग लड़की को आरोपी युवक के साथ भेजा गया था, तो यह अत्यंत गंभीर लापरवाही है। वहीं, कोंडागांव कलेक्टर नूपुर राशी पन्ना ने कहा, मामला संज्ञान में लिया गया है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
नाबालिग को आरोपी के साथ गंभीर अपराध कानूनविदों का कहना है कि सखी सेंटर जैसे संस्थानों का प्राथमिक कर्तव्य पीड़िताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नाबालिग को आरोपी के साथ भेजना कानूनन गंभीर अपराध है।