“हैलो… गोरखपुर मठ से बोल रहा हूं, माननीय मुख्यमंत्री जी के जनता दर्शन कार्यक्रम में आए शिकायती पत्र को प्रेषित किया गया है, इस पत्र के पक्ष में कार्य करें, महाराज जी का आदेश है.” कुछ इस तरह एक फ्रॉड गैंग गोरखनाथ मठ के नाम से फोन कर अधिकारियों पर दबाव बनाता था. बताया जा रहा है कि ये गैंग अबतक 33 राजस्व और 36 पुलिस के अधिकारियों को फोन कर चुका है. हालांकि, अब इस गैंग के तीन लोग पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं और उनका भंडाफोड़ हो गया है.
दरअसल, बीते दिन पुलिस ने यूपी के संभल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर फर्जी जनता दर्शन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री कार्यालय की फर्जी मोहर लगाकर अलग-अलग जिलों जिले के अफसरों को शिकायती पत्र भेजकर डीएम-एसपी पर रौब गांठने वाले गैंग के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए इन आरोपियों के द्वारा शिकायतकर्ताओं से शिकायती पत्र लेकर CM कार्यालय की फर्जी मोहर लगाई जाती थी और फिर संबंधित जिले के अफसरों को भेजकर कहा जाता था कि… ‘हैलो मैं गोरखपुर मठ से बोल रहा हूं, आपको माननीय मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान आई हुई शिकायत को प्रेषित किया गया है, आप इस प्रार्थना पत्र के पक्ष में कार्य करें, ये महाराज जी का आदेश है.’
इस गैंग के लोगों द्वारा प्रति व्यक्ति से काम कराने के बदले 20 से 50 हजार रुपये तक वसूले जाते थे. हाल ही में गैंग के द्वारा 33 राजस्व अधिकारियों और 36 पुलिस अधिकारियों को 135 बार फोन कॉल किया गया था. हालांकि, संभल के एक मामले में गैंग का भंडाफोड़ हो गया.
यूं हुआ खुलासा
दरअसल, संभल में भाजपा नेता राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल और उनके कारोबारी पार्टनर रहे विपुल गुप्ता के बीच चल रहे प्रॉपर्टी के हाईप्रोफाइल विवाद के बीच 18 फरवरी 2025 को विपुल ने संभल कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर कहा था कि गोरखपुर मठ से किसी पंडित राज आचार्य महादेव नाम के व्यक्ति के द्वारा लगातार फोन किया जा रहा है और काम करवाने की बात कहकर दबाव बनाया जा रहा है.
इसके बाद संभल कोतवाली पुलिस ने 53 सेकंड की ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर धारा 351 (4) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. जांच पड़ताल में गोरखपुर मठ और बीजेपी में पंडित राजाचार्य महाराज नाम के किसी व्यक्ति के होने की कोई जानकारी नहीं मिली. ऐसे में पुलिस का शक गहरा गया.
इसके बाद फोन कॉल वाले नंबर की डिटेल निकलवाकर जांच पड़ताल आगे बढ़ाई गई तो पुलिस ने खुद को पंडित राज अचार्य महाराज बताने वाले बाराबंकी जिले के रामनगर थाना इलाके के निवासी नागेंद्र और सुधीर मिश्रा व रामपुर जिले के राजू को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस इन आरोपियों को गिरफ्तार कर संभल लेकर आई और सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम पर फर्जी जनता दर्शन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री कार्यालय की फर्जी मोहर और हस्ताक्षर बनाकर अधिकारियों को धमकाने वाली बात कबूल कर ली. इस तरह से गैंग का पर्दाफाश हो गया.
ऐसे करते थे फ्रॉड
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि जब दस्तावेज तैयार करके अफसर को भेजे जाते थे तो नागेंद्र नाम का युवक खुद को पंडित राज अचार्य महाराज गोरखपुर मठ वाला बताकर फोन करता था और कहता था कि माननीय मुख्यमंत्री जी के जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान जो शिकायत आई थी उसके आधार वह शिकायत आपको प्रेषित की गई है और आप शिकायती पत्र देने वाले के पक्ष में कार्य करें. इसके बाद संबंधित जिले के अफसर गोरखपुर मठ का नाम सुनते ही शिकायती पत्र पर तेजी से काम शुरू कर देते थे. काम होने के बाद गैंग में शामिल लोगों के द्वारा शिकायतकर्ता से 20 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक वसूले जाते थे. ये लोग सीएम ऑफिस की स्टांप और हस्ताक्षर इंटरनेट से कॉपी करते थे.
रामपुर के राजू के पास थी केस लाने की जिम्मेदारी
पकड़े गए राजू नाम के आरोपी का काम फील्ड से लोगों के केस लाने का था. राजू के द्वारा शिकायती पत्र और पीड़ित व्यक्ति को लाकर सुधीर मिश्रा से मिलवाया जाता था. मिश्रा के द्वारा मोबाइल फोन से मुख्यमंत्री कार्यालय की फर्जी मोहर और हस्ताक्षर बनाकर दस्तावेज तैयार करके संबंधित जिले के अफसर को शिकायत भेजी जाती थी. फिर खुद को गोरखपुर मठ से पंडित राज आचार्य महाराज बताने वाले यानी नागेंद्र के द्वारा संबंधित जिले के अफसर को फोन करके पक्ष में जल्द से जल्द समाधान करने के लिए कहा जाता था.
एसपी केके बिश्नोई का बयान
मामले का खुलासा करते हुए संभल के एसपी ने बताया कि कोतवाली पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है जिसमें खुद को सीएम ऑफिस का बताकर फर्जी तरीके से फोन करने वाले गैंग को पकड़ा गया है. कुल तीन अभियुक्त हैं, जिसमें दो बाराबंकी के निवासी हैं और एक रामपुर जिले का निवासी है. इस गैंग के द्वारा प्रदेश के 33 राजस्व अधिकारियों और 36 पुलिस अधिकारियों को 135 बार सीयूजी नंबर पर कॉल किया गया था. अब इस गैंग के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी.
एसपी के मुताबिक, जिले के कपिल सिंघल नामक व्यक्ति के द्वारा विपुल गुप्ता नामक व्यक्ति की करोड़ों रुपये की जमीन/संपत्ति हड़पने की साजिश के तहत इस गैंग से संपर्क किया गया था. गैंग के माध्यम से विपुल गुप्ता और विपुल गुप्ता की पत्नी को फोन करके धमकवाया गया था. मामले की सूचना 18 फरवरी 2025 को संभल कोतवाली पर दी गई थी और इस संबंध में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया था. तभी से पुलिस के द्वारा लगातार धर पकड़ अभियान जारी था. इस केस में कॉल करने के लिए गैंग में शामिल तीनों लोगों के द्वारा 30 हजार रुपये एडवांस लिए गए थे और बाकी पैसे काम होने के बाद देने थे.