Shravasti: मझौवा-ककरा घाट पर पुल निर्माण की कवायद शुरू, घाट पर बना लकड़ी का पुआल

श्रावस्ती: राप्ती के कछार में बसे करीब 40 गांव के लोगों की अब लकड़ी व पुआल के पुल तथा नाव पर निर्भरता घटेगी. इसके साथ ही भिनगा से बलरामपुर व गोंडा की दूरी भी घट जाएगी. इसके लिए राप्ती नदी के मझौवा-ककरा घाट पर पुल निर्माण की कवायद शुरू कर दी गई है. पुल निर्माण करने के लिए कारीगर व श्रमिकों ने नदी के तट पर डेरा डाल दिया है.

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इकौना क्षेत्र के 40 ऐसे गांव हैं, वहां के निवासियों को तहसील, ब्लाक व जिला स्तरीय कार्यों के लिए नदी पार करना पड़ता है। यही नहीं उन्हें बाजार जाने के लिए भी नदी पार करना उनकी मजबूरी है. इस समस्या से निजात के लिए ग्रामीण खुद से चंदा लगाकर प्रतिवर्ष राप्ती के ककरा मझौवा घाट पर लकड़ी बांस व पुआल के सहारे पुल का निर्माण करते हैं, यह पुल बरसात के दिनो में बह जाता है। बरसात में लोगों को नदी पार करने के लिए नाव अथवा 30-40 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है.

वहीं भिनगा से लक्ष्मणपुर बाजार होते हुए बलरामपुर व गोंडा जाने में नदी बाधा बनती है, आम दिनों में दो पहिया व चौपहिया वाहन अस्थाई पुल के सहारे नदी पार कर लेते हैं, लेकिन बरसात में व बड़े वाहनों को अंधरपुरवा घाट पुल व गिलौला मार्ग का सहारा लेना पड़ता है. क्षेत्रवासियों की लगातार मांग के बाद श्रावस्ती विधायक के प्रस्ताव पर शासन की ओर से 71 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। इससे ककरा मझौवा घाट पर पुल निर्माण कराया जाएगा.

इसके लिए राज्य सेतु निगम की ओर से श्रमिकों सहित पुल निर्माण के लिए सामान भेजा गया है. श्रमिकों की ओर से नदी के तट पर टिनशेड लगाकर अस्थाई निवास बनाया गया है। राज्य सेतु निगम के सुपरवाइजर ब्रह्म सिंह के मुताबिक अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो अगले सप्ताह से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

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