गोंडा: जिले के कर्नलगंज क्षेत्र में शनिवार को हुए भीषण सड़क हादसे ने प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोल दी है। बरगदी चौराहे के पास दिल्ली से गोंडा आ रही ‘मां वाराही’ नामक डबल डेकर बस अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसमें दर्जनों यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत चिंताजनक बनी हुई है.
इस हादसे ने जिले में अवैध बस संचालन और डग्गामार वाहनों की बढ़ती समस्या को फिर से उजागर कर दिया है। गोंडा-लखनऊ हाईवे, कर्नलगंज-परसपुर रोड और हुजूरपुर मोड़ जैसे प्रमुख मार्गों पर अवैध बस अड्डे खुलेआम संचालित हो रहे हैं, जहां से बिना किसी जांच के डबल डेकर और अन्य निजी वाहन यात्रियों को भरकर दौड़ रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार, इन अवैध अड्डों से कुछ पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को भारी रकम मिलती है, जिसके चलते इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। इस लापरवाही का खामियाजा निर्दोष यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है.
पिछले कुछ महीनों में हादसों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। कुछ समय पूर्व कटरा शहबाजपुर के पास भी एक ओवरलोड डबल डेकर बस पलटी थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे और एक मकान को भी नुकसान पहुंचा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये बसें अक्सर क्षमता से अधिक यात्रियों को ढोती हैं, खराब हालत में चलती हैं, और चालकों द्वारा तेज रफ्तार व नशे में वाहन चलाने की घटनाएं आम हो गई हैं.
बार-बार के प्रशासनिक आदेशों के बावजूद न तो अवैध अड्डों पर रोक लगी है और न ही दोषी वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई हो रही है। इससे जनता में गहरा आक्रोश है। विशेषज्ञों का कहना है कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नियमित चेकिंग, ओवरलोडिंग पर भारी जुर्माना, अवैध अड्डों का तत्काल बंद होना, और भ्रष्टाचार पर लगाम जरूरी है.
यदि प्रशासन ने शीघ्र कठोर कदम नहीं उठाए, तो जिले में यात्रियों की जान जोखिम में पड़ती रहेगी। जनता अब यह जानना चाहती है कि आखिर कब तक उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होता रहेगा.