India Growth: उथल-पुथल के बीच इंडियन इकोनॉमी सही ट्रैक पर, वित्त मंत्री ने बताया कैसी रहेगी रफ्तार

पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद जहां भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव (India-Pakistan Tension) बढ़ता जा रहा है, तो ऐसे में दोनों ही देशों की इकोनॉमी को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं. एक ओर जहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लेकर विश्व बैंक (World Bank) तक ने पाकिस्तान को झटका दिया है और अर्थव्यवस्था (Pakistan Economy) में गिरावट का अनुमान जताया है, तो वहीं दूसरी ओर इनके द्वारा भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में भी कटौती की गई है. हालांकि, सरकार का मानना है कि उथल-पुथल के बावजूद इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy) सही ट्रैक पर है. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) खुद कह रही हैं, उन्होंने बताया कि FY26 में अर्थव्यवस्था की रफ्तार कितनी रहेगी.

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6.5% की रफ्तार से दौड़ेगी इकोनॉमी

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा भारत के ग्रोथ अनुमान को संशोधित करते हुए मामूली कटौती किए जाने के बीच वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने इंडियन इकोनॉमी की रफ्तार ठीक रहने का दावा किया है. उन्होंने बीते सप्ताह ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा एवं वित्तीय समिति (IFMC) को जानकारी देते हुए कहा कि उथल-पुथल के बावजूद दमदार डॉमेस्टिक कंजम्पशन और इन्वेस्टमेंट के दम पर FY26 में भारत की अर्थव्यवस्था में 6.5 फीसदी की वृद्धि (India’s Growth Rate) होने की उम्मीद है.

भारत की ग्रोथ पर सरकार को भरोसा

बिजनेस स्टैंडर्ड पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, निर्मला सीतारमण ने वा​शिंगटन में IMF की एडवाइजरी संस्था को दिए एक लिखित बयान में कहा है कि हम आगे देखते हैं, तो पता चलता है कि तमाम उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता के बाद भी भारत की ग्रोथ रेट स्थिर रहने की उम्मीद है. इसके पीछे मजबूत खपत और निवेश कारण हैं. इसके अलावा बाहरी मोर्चे पर भी देखें तो भारत की सेवाओं के निर्यात में मजबूती बरकरार रह सकती है.

वित्त मंत्री ने बयान में कहा है कि केंद्रीय बजट में टैक्स रिलीफ समेत उठाए गए कई कदमों का असर निजी खपत में बढ़ावे के तौर पर दिख सकता है और निवेश में बढ़ोतरी के चलते इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी. उन्होंने कहा है कि देश में इन्वेस्टमेंट एक्टिविटीज में पहले से ही तेजी दर्ज की जा रही है. निर्मला सीतारमण के मुताबिक, इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारत का फोकस है, जो ग्रोथ की रफ्तार तेज करने में मददगार होगा.

महंगाई को लेकर ये अनुमान

गौरतलब है कि वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman बीते 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के कारण समय से अमेरिका की अपनी यात्रा बीच में ही छोड़ भारत वापस लौट आई थीं. इसके बाद उन्होंने एक लिखित बयान में ये जानकारी आईएमएफ की संस्था के साथ शेयर की. उन्होंने भारत में महंगाई दर (Inflation Rate) को लेकर कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट (Crude Oil Price Fall) के कारण वित्त वर्ष 2026 में महंगाई लगभग 4 फीसदी पर स्थिर रहने की उम्मीद है.

IMF-World Bank ने क्या कहा?

यहां बता दें कि बीते सप्ताह वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने जहां वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत के ग्रोथ रेट अनुमान में 30 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी और भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया था. तो दूसरी ओर विश्व बैंक (World Bank) ने भी भारत के लिए अपने पूर्वानुमान को 40 बेसिस पॉइंट घटाते हुए 6.3 फीसदी कर दिया था.

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