ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में हाल ही में एक बार फिर दर्शनार्थियों के मंदिर में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर समिति ने भीड़ नियंत्रण व सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। लेकिन व्यवहारिक कठिनाइयों के कारण नियम का पालन नहीं हो पा रहा है। अधिकांश दर्शनार्थी मोबाइल लेकर भीतर पहुंच रहे हैं।
महाकाल मंदिर में मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन हर बार समिति को नियम पालन में शिथिलता बरतनी पड़ी है। मोबाइल पर रोक नहीं लग पाने की मुख्य वजह मंदिर में प्रवेश व निर्गम द्वार अलग-अलग होना। ऑनलाइन व्यवस्था में मोबाइल का उपयोग तथा संसाधनों की कमी रही है। समिति की इन्हीं खामियों का फायदा दर्शनार्थियों को मिलता रहा है। अफसर विसंगतियों से पार पाने की जुगत भिड़ा रहे हैं।
यह समस्या
महाकाल मंदिर में प्रवेश के कई मार्ग हैं। सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश महाकाल महालोक के नंदी मंडपम से है। यहां से दर्शनार्थी मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर के रास्ते मंदिर में प्रवेश करते हैं। श्रद्धालु मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर में मोबाइल रखकर दर्शन के लिए भीतर चले जाते हैं। लेकिन महाकाल दर्शन के बाद मंदिर के बाहर दूसरे द्वार से निकलते हैं। ऐसे में उन्हें लंबा पैदल चलकर फिर से मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर पहुंचना पड़ता है।
यही परेशानी अवंतिका द्वार व 4 नंबर गेट से प्रवेश करने वाले शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थियों के साथ भी है। इन्हें भी मोबाइल लेने के लिए लंबा पैदल चलने के बाद इन प्रवेश द्वारों पर आना पड़ता है।
महाकाल मंदिर समिति देशभर से भस्म आरती दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को आनलाइन दर्शन अनुमति जारी करती है। तड़के 4 बजे मंदिर में प्रवेश के समय भक्तों को मोबाइल पर भस्म आरती अनुमति व आइडी चेक कराना पड़ती है। आरएफआईडी बैंड जारी होने के बाद उन्हें मोबाइल रखने लाकर में जाना पड़ता है।
इसके बाद लौटकर आकर फिर से दर्शन की कतार में लगते हैं। इस प्रक्रिया में समय हो जाता है और भस्म आरती शुरू हो जाती है। श्रद्धालुओं को होने वाली परेशानी को देखते हुए नियम शिथिल करना पड़ता है और श्रद्धालु नंदी, गणेश व कार्तिकेय मंडप तक मोबाइल ले जाते हैं।
महाकाल महालोक बनने के बाद प्रतिदिन 50 से 60 हजार श्रद्धालु महाकाल दर्शन करने मंदिर पहुंच रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के मोबाइल लाकर में रखवाना तथा बाद में उन्हें लौटाना समस्या है। इससे दर्शनार्थियों को दर्शन के अलावा मोबाइल जमा कराने तथा फिर लेने के लिए लाइन में लगना पड़ता है।
यह होना चाहिए
पर्याप्त मात्रा में मोबाइल लाकर स्थापित होना चाहिए।
प्रवेश व निर्गम द्वार के बीच ऐसा सर्किट बने जिससे दर्शनार्थियों को मोबाइल रखने व लेने आने में परेशानी ना हो।
मंदिर में मोबाइल के उपयोग पर नहीं, बल्कि भीतर ले जाने पर ही प्रतिबंध है। इसलिए मोबाइल लेकर मंदिर नहीं आए।
भक्तों को उक्त जानकारी देने के लिए व्यापक, प्रचार प्रसार होना चाहिए।