महाराष्ट्र के जालना का राउत परिवार जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में बाल-बाल बचा है. राउतनगर इलाके के निवासी संजय राउत अपने बेटे आदर्श और पत्नी के साथ कश्मीर घूमने गए थे. 21 अप्रैल को यह परिवार पहलगाम में था.
इस दौरान आदर्श राउत अकेले घोड़े की सवारी करने और घाटियों में घूमने गया. बैसरन घाटी में एक मैगी स्टॉल पर रुकने के दौरान एक अजनबी व्यक्ति ने आदर्श से बातचीत की. उस व्यक्ति ने आदर्श से पूछा कि आप कश्मीरी नहीं दिखते, क्या आप हिंदू हैं. इस सवाल पर आदर्श को थोड़ा संदेह हुआ और उसने जवाब दिया कि मैं यहीं का रहने वाला हूं.
भीड़ कम होने के कारण 21 अप्रैल को नहीं किया था हमला
आदर्श ने बातचीत के बाद उस शख्स को ज्यादा महत्व नहीं दिया और वहां से चला गया. अगले दिन 22 अप्रैल को राउत परिवार श्रीनगर पहुंच गया. उसी दिन पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ.
जब हमले के बाद आतंकवादियों की तस्वीरें सामने आईं, तो आदर्श ने उनमें से एक को पहचान लिया. यह वही व्यक्ति था जिसने उससे बातचीत की थी. जालना लौटने के बाद आदर्श ने एनआईए को ईमेल के जरिए यह जानकारी दी और संदिग्ध के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया.
आदर्श ने एनआईए को ईमेल के जरिए जानकारी दी
आदर्श का कहना है कि आतंकी 21 अप्रैल को ही हमला करना चाहते थे लेकिन उस दिन भीड़ कम थी, इसलिए उन्होंने अगला दिन चुना. इस पूरे मामले पर आदर्श के पिता संजय राउत ने कहा कि जिस स्थान पर हमला हुआ, वहां कोई पुलिस या सुरक्षा बल नहीं था. अगर वहां सुरक्षा होती तो यह हमला टाला जा सकता था.