पाकिस्तान का बेशर्म कुबूलनामा, संसद में बोले विदेश मंत्री- UNSC के प्रस्ताव से हटवाया TRF का नाम

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. भारत की ओर से लगातार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और ऐसे में पाकिस्तान को हमले का डर सता रहा है. इस बीच पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में इस बात को बेशर्मी के साथ कुबूल किया है कि उन्होंने ही UNSC के प्रस्ताव से पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन टीआरएफ यानी रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम हटवाया था.

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आतंकियों के बचाव में PAK

टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ एक संगठन है, जिसने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि भारत ने इस हमले के लिए टीआरएफ को जिम्मेदार नहीं ठहराया बल्कि खुद उसने ही हमले की जिम्मेदारी ली है. बावजूद इसके पाकिस्तान ने UNSC की ओर से भेजे गए प्रस्ताव से इस आतंकी संगठन का नाम हटवाया है. पाकिस्तान फिलहाल UNSC के 10 अस्थाई सदस्यों में शामिल है, जो 2-2 साल के लिए चुने जाते हैं.

संसद में बोलते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि UNSC की ओर से पहलगाम हमले से जुड़ा एक निंदा प्रस्ताव आया था और उसमें सिर्फ पहलगाम का जिक्र था, जम्मू कश्मीर नहीं लिखा था. इस पर पाकिस्तान की ओर से आपत्ति जताई गई. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में TRF को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. इसके बाद उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं था और हमने बदलाव किए बगैर प्रस्ताव पर साइन करने से इनकार कर दिया.

‘प्रस्ताव में करवाया बदलाव’

इशाक डार ने कहा कि हमने यूएन में अपने स्थाई प्रतिनिधि के कहा कि आप इस प्रस्ताव का विरोध करें और पहलगाम के साथ जम्मू कश्मीर का नाम लिखवाएं, साथ ही टीआरएफ का नाम इस प्रस्ताव से हटवाएं. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह भी दावा किया कि इसके बाद कई देशों से उनके पास फोन आए कि आप प्रस्ताव को क्यों बदलवा रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान अड़ा रहा और प्रस्ताव को बदलवाया.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर टीआरएफ इस हमले में शामिल है तो उसके क्या सबूत हैं. बगैर सबूत को संगठन का नाम प्रस्ताव में नहीं आना चाहिए था. इशाक डार ने यहां तक दावा किया टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. मंत्री अपने बयान में आतंकी संगठन को बचाने की पूरी कोशिश करते दिखे. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से कोई प्रस्ताव जारी होने पर सदस्य देशों की सहमति जरूरी होती है और इस नियम का इस्तेमाल पाकिस्तान ने आतंकियों को बचाने के लिए किया है.

क्या है ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’

पहलगाम हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है, वो पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है. टीआरएफ ने इस हमले के लिए अपने खास टेरर मॉड्यूल्स फाल्कन स्क्वाड की मदद ली थी, जो बेहद खूंखार और तेज-तर्रार माना जाता है. फाल्कन स्क्वाड कोई सीधा ग्रुप नहीं, बल्कि टैक्निकल टैरर मॉड्यूल हैं, यानी छोटे-छोटे ग्रुप जो किसी खास मिशन के लिए तैयार होते हैं और फिर खत्म हो जाते हैं, या चेहरा बदल लेते हैं.

टीआरएफ का फाल्कन स्क्वाड खुद को रेवेंज ग्रुप बताता है. इस तरह से देखें तो फाल्कन कोई स्पेसिफिक ग्रुप है, जो इस तरीके पर काम कर रहा है. आने वाले समय में फाल्कन स्क्वाड देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है.

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