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गुलाम नबी आजाद का दावा: आतंकियों ने धर्म के आधार पर की थीं हत्याएं, सिखों को बनाया था निशाना

पहलगाम हमले पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 8 दिन से देश ने एक सुर में कहा- अब बहुत हो गया, अब कोई न कोई एक्शन लेना चाहिए, पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए. ऐसे में पीएम और सरकार को सोचना होगा, कब और कहां ऐक्शन किया जाना है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कल अच्छा फैसला लिया है. सेना को पूरी छूट दी है, हमे सरकार के फैसले का इंतज़ार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मल्टी प्रोन स्ट्रैटेजी से आतंकी घटनाएं कम होंगी, एक ही साथ कई फ्रंट्स पर काम करना होगा.

उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग जो आतंकी घटना में पाए जाते हैं. वो गरीब और बेरोजगार होते हैं. वैचारिक रूप से मजबूत आतंकी कम हैं. आतंकी धर्म पूछकर पहले भी मारते थे, पंजाब में सिखों को मारते थे, हिन्दू को छोड़ देते थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ट्रैप में देश को नहीं पड़ना चाहिए.

यूनिटी का समय है

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी ने कहा कि सुरक्षा में कमी पर कमी रह जाती है, आज इस पर चर्चा करने की बजाए, उचित समय का इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी बातों से दुश्मन को फायदा मिलेगा. अलग-अलग भाषा बोलने का समय नहीं, यूनिटी का समय है. पाकिस्तान में फौज और सरकार में डिवीजन है, हमें जानबूझकर विवाद में नहीं फंसना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पाकिस्तान इस समय एक हो गया है, फौज, राजनीतिक दल में विवादों के बावजूद वो एक हो गए हैं. हमें भी एक रहना है, हमारे बीच का विभाजन पाकिस्तान को मौका देगा. उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई हो कि दुश्मन भी मर जाये और लाठी भी न टूटे. उन्होंने कहा कि संसद का सत्र बुलाया भी जाये तो सभी दल सिर्फ इसी विषय पर केंद्रित रहें, बाकी वाद-विवाद अगले सत्र में हो सकता है.

गुनाह की सजा पूरी कौम को नहीं मिले

उन्होंने कहा कि जिसने घटना किया वो पाकिस्तानी मुस्लिम था, अगर हिन्दू मुसलमान भी होता तो गुनाह सिर्फ व्यक्ति करता है, उसके गुनाह की सज़ा कौम को नहीं मिलनी चाहिए. धर्म के नाम पर बदला लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें आजतक कोई बांट नहीं पाया, इसलिए अभी और सजग रहने की जरूरत है. सब पार्टी सब नेता अपनी सोच के अनुसार कार्रवाई की बात करते हैं. लड़ाई न तो राजनीतिक पार्टी और न किसी नेता को लड़ना है, लड़ाई फौज लड़ेगी.. फौज तय करेगा जगह , वक़्त और सज़ा.

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