राजस्थान के कोटा में बाल कल्याण समिति ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक पिकअप में भेड़-बकरियों की तरह ठूंसकर ले जाए जा रहे 44 बाल श्रमिकों को बचाया. बाल श्रमिकों को एक विवाह सम्मेलन में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था, एक ही पिकअप में इतनी संख्या में बाल श्रमिकों के भरे होने और गर्मी से कई बच्चों की तबियत भी बिगड़ गई.
संरक्षक अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया- शिवराज ठेकेदार और पिकअप चालक ने बच्चों को बारां जिले के सोरसन क्षेत्र के देवपुरा गांव की बंजारा बस्ती से पिकअप में बैठाया. बच्चों को गिरधरपुरा में आयोजित किए जा रहे सामूहिक विवाह सम्मेलन में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था. दोपहर में एक पिकअप में इतने बच्चों भरकर ले जाने व चिलचिलाती गर्मी से कई बच्चों की तबियत खराब हो गई और बच्चों के भूखे और प्यासे होने से इनमें से कई बच्चों को उल्टियां भी होने लगी.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
मामले की सूचना लगने पर टीम ने मामले की सूचना जिला कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी और जिला पुलिस अधीक्षक डॉ.अमृता दुहन को दी. इसके बाद बाल कल्याण समिति संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामराज मीणा, आउटरिच वर्कर संजय मेहरा, भूपेन्द्र सिंह व महिमा पांचाल की टीम बाल श्रमिकों के बचाव के लिए रवाना हो गई.
टीम ने पिकअप को बारां रोड पर सरस्वती कॉलोनी के निकट रोक लिया और चालक व परिचालक को पिकअप समेत एसपी ऑफिस ले गए, जहां से सभी को बोरखेड़ा थाने पहुंचे और मामले में बाल कल्याण अधिकारी की ओर से परिवाद दर्ज करवाया. बोरखेड़ा में कानूनी कार्रवाई के बाद सभी बच्चों को पोहे खिलवाए गए और चाय पिलवाई गई.
300 रुपए की मजदूरी करवानी थी
बच्चों को माली समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था. बच्चों से 300 रुपए काम के अनुसार मजदूरी दी जानी थी. लेकिन उससे पहले ही बच्चों की तबियत खराब हो गई