आखिरकार सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने आईटीआर के फॉर्म 1 और फॉर्म 4 को नोटिफाई कर दिया है. ये फॉर्म वित्त वर्ष 2024-25 यानी असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए जारी किया गए हैं. ITR 1 और ITR-4 के नोटिफाई होने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि बाकी फॉर्म भी जल्द ही नोटिफाई होगा.
नए आईटीआर फॉर्म में बड़े बदलाव हुए हैं. पहले ITR-1 में कैपिटल गेन टैक्स को दिखाने का प्रावधान नहीं था, लेकिन अब नए बदलाव के बाद ये विकल्प भी दे दिया गया है. अगर आपको लिस्टेड इक्विटी शेयर और इक्विटी वाले Mutual Funds की बिक्री से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स हुआ है तो टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ITR-1 का यूज कर सकेंगे.
इससे पहले कैपिटल गेन वाले लोगों को आईटीआर-2 फॉर्म फाइल करना होता था. आईटीआर-1 फॉर्म में इक्विटी से लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स को शामिल करने के अलावा कोई अहम बदलाव नहीं हुआ है.
कौन कर सकेगा ITR-1 का इस्तेमाल?
इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट के मुताबिक, ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले रेजिडेंट इंडिविजुअल्स, सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी, ब्याज जैसे अन्य सोर्स से इनकम, लिस्टेड इक्विटी और म्यूचुअल फंड्स की बिक्री से हुए 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स और 5 हजार रुपये तक की कृषि इनकम वाले कर सकते हैं.
कौन नहीं भर पाएगा ITR-1?
हाउस प्रॉपर्टी की बिक्री या लिस्टेड इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल की बिक्री से हुए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स का स्टेटस या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को दिखाने का प्रावधान होने के बावजूद कुछ स्थितियों में रिटर्न के लिए ITR 1 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या किसी अनलिस्टेड कंपनी के इक्विटी शेयरों में निवेश किया है या सेक्शन 194AN के तहत TDS काटा गया है या ESOP पर टैक्स स्थगित है या देश के बाहर कोई संपत्ति है तो आईटीआर-1 फॉर्म नहीं भर पाएंगे.
कौन भर सकता है ITR-4?
बिजनेस और प्रोफेशन से आय, सेक्शन 44एडी, 44एडीए या 44एई के तहत टैक्स कैलकुलेशन, 50 लाख रुपये तक की आय, एचयूएफ और फर्म (एलएलपी के अतिरिक्त), सेक्शन 112ए के तहत 1.25 लाख रुपये तक की लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स वाले आईटीआर-4 फॉर्म भर सकते हैं.