मंडप पर बैठे, सात फेरे लेने ही वाले थे कि अचानक मच गई चीख पुकार, जलाई आग… दूल्हा-दुल्हन को छिपकर बचानी पड़ी जान, ऐसा क्या हुआ?

 

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बिजनौर : पैजनिया क्षेत्र का एक सामान्य-सा दिन उस वक्त हड़कंप में बदल गया, जब गांव सेलपुरा-बमनौला में एक शादी समारोह के दौरान बारातियों की खुशियां अचानक चीख-पुकार में बदल गईं.

गांव गंगोड़ा जट से लोकेन्द्र की बेटी की बारात आई थी। ढोल-नगाड़ों की गूंज, सजावट की रौनक और स्वादिष्ट व्यंजनों की खुशबू माहौल को खुशनुमा बना रही थी। बारात की अगवानी धूमधाम से हुई, और जैसे ही सभी मेहमान भोजन में व्यस्त हुए, किस्मत ने करवट ले ली.

खुशियों के इस माहौल में एक अनचाही घटना ने सबको दहशत में डाल दिया.पंडाल के पास लगे पेड़ पर मधुमक्खियों का बड़ा छत्ता था.बताया जाता है कि एक युवक ने जाने-अनजाने में उस छत्ते पर पत्थर मार दिया.बस फिर क्या था — मधुमक्खियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

भिनभिनाती हुई मधुमक्खियां झुंड बनाकर पंडाल में टूट पड़ीं.खाना खा रहे बाराती-घराती अपनी प्लेटें छोड़कर इधर-उधर भागने लगे.कुछ लोग नजदीकी घरों में घुस गए तो कुछ जंगल की ओर भाग निकले.सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि दूल्हे को भी जान बचाने के लिए एक ग्रामीण के घर में शरण लेनी पड़ी.

पंडाल में अफरा-तफरी का आलम ऐसा था कि कोई किसी की नहीं सुन रहा था। घबराए लोगों ने कबाड़ जलाकर धुआं किया ताकि मधुमक्खियां दूर भागें.करीब दो घंटे तक माहौल तनावपूर्ण रहा.

जब मधुमक्खियों का गुस्सा शांत हुआ, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली.शादी की बची हुई रस्में एक ग्रामीण के मकान में पूरी की गईं.खाने की व्यवस्था दोबारा संभाली गई और किसी तरह विवाह समारोह को पूरा किया गया.

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