जशपुर: 83 ग्राम पंचायतों में शुरू हुए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र, गांव में ही मिल रही सुविधाएं, नहीं करना पड़ रहा लंबा सफर

जशपुर और झारखण्ड की सीमा पर बसा छोटा सा गांव करडेगा अपने विकासखण्ड मुख्यालय दुलदुला से 20 किमी दूर बसा है. यहां के ग्रामीणों को अपने छोटे-छोटे शासकीय कार्यों एवं वित्तीय लेनदेन के लिए मुख्यालय जाना पड़ता था. ऐसे में छोटा सा भी शासकीय कार्य हो तो उसे पूरा करने के लिए पूरे दिन अपने सभी निजी कार्यों को छोड़ कर कार्यालय में दिन बिताना पड़ता था. यदि कभी नगद पैसे की आवश्यकता हो तो अपने बैंक में जमा पैसों को निकालना एक कठिन काम हो जाता था. अपना काम धंधा छोड़ कर बैंकों की लंबी कतारों में लग कर दिन भर की मेहनत के बाद अपने पैसे प्राप्त होते थे. जिससे ग्रामीण बहुत परेशान थे. ग्रामीणों के इसी मर्म को समझते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर करडेगा के ग्रामीणों के साथ राज्य के सभी ग्रामीणों को लाभान्वित के लिए डिजिटल क्रांति की सहायता से गांवों में ही सभी शासकीय कार्यों और वित्तीय लेनदेन को करवाने के लिए राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर राज्य के सभी विकासखण्डों के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र प्रारम्भ किया गया है.

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जिसके तहत जशपुर जिले के सभी 08 विकासखंडों के अंतर्गत आने वाले कुल 83 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र शुरू किया गया है. यह योजना जिले के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल क्रांति लाएगी. इससे शासन की सेवाओं और योजनाओं की पहुंच आम लोगों तक सुगम होगी. इन सुविधा केंद्रों में ग्रामीणों को अब बहुत सारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे ग्रामीणों को मिल रही है. अब वे अपने खाते से आसानी से पैसे निकाल सकेंगे, अपने खाते से किसी अन्य के खाते में पैसे भेज सकेंगे, बिजली-पानी बिल का भुगतान कर सकेंगे तथा पेंशन-बीमा, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, आय-जाति निवास प्रमाणपत्र, भूमि दस्तावेज और ई-डिस्ट्रिक्ट जैसी अनेक सेवाओं का लाभ अपने पंचायतों में ही ले सकेंगे. वर्तमान में पहले चरण में यह सुविधा केंद्र राज्य के प्रत्येक जनपद की 10 ग्राम पंचायतों में प्रारंभ की गयी है और आगामी 6 महीनों में 8 हज़ार से अधिक पंचायतों में इन केंद्रों की स्थापना की जाएगी.

इस संबंध में करडेगा के निवासी दिलीप नायक ने बताया कि पहले तहसील के कोई भी काम चाहे आय प्रमाण पत्र हो या भूमि दस्तावेज प्राप्त करना अपने खेती बाड़ी का काम छोड़कर दुलदुला जाना पड़ता था. जिससे एक दिन के काम का नुकसान होता था और अब गांव में ही मेरे काम पूरे हो जा रहे हैं मैं बहुत खुश हूं. हमारे मुख्यमंत्री ने हमारे लिए गांव में ही कार्यालयों को पहुंचा दिया है इसके लिए हम उनके आभारी हैं.

करडेगा के किशोर कुमार ने बताया कि पहले किसी को कोई भुगतान करना हो तो पहले दुलदुला जाना पड़ता फिर पैसा निकाल कर लाना और लोगों को भुगतान करना एक लंबा, महंगा और थका देने वाला काम हुआ करता था. अब गांव के सुविधा केंद्र आ जाने से डिजिटली ही भुगतान हो जाता है. जिससे समय के साथ वित्तीय नुकसान भी नहीं होता है.

करडेगा के ग्रामीण दीपेश मिंज ने बताया कि पैसा निकालना हमारे लिए बहुत मुश्किल प्रक्रिया थी साथ ही कभी कोई शासकीय कार्य पड़ जाए तो दिन भर दुलदुला में बिताना पड़ता था जहां ना खाने का ठिकाना ना रुकने का जिससे बहुत दिक्कत होती थी. अब गांव में ही बैंक और शासकीय काम सुविधा केंद्र के द्वारा हो रहे हैं. हम बहुत खुश हैं हमारे जैसे सुदूर अंचल के ग्रामीणों के बारे में भी इतना सोचने के लिए मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करता हूं.

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